INDORE. जेपी से निकाले गए गुंडे जीतू यादव और उसके चचेरे भाई अभिलाष यादव की तलाश में हुई देरी के चलते दोनों पुलिस के सामने ही गायब हो चुके हैं। अब खबर लग रही है कि यह दोनों नेपाल पहुंच चुके हैं। उधर देर से जागी पुलिस ने जब गिरफ्तार हुए समर्थक गुंडों की अपराधिक कुंडली निकाली तो किसी पर 18 तो किसी पर 12 केस वह भी गंभीर धाराओं में पाए गए। खुद जीतू पर ही 11 गंभीर अपराध दर्ज हो चुके हैं। यानी पार्षद कमलेश कालरा के घर पर घुसकर निर्वस्त्र घटना करने वाले और महिलाओं के गले में चाकू रखने वाले, पिस्टल लहराने वाले अधिकांश हिस्ट्रीशीटर गुंडे ही थे। उधर पुलिस ने अभी तक जीतू को आरोपी नहीं बनाया है और ना ही वह आरोपियों को रिमांड में लेकर उनसे जीतू को लेकर बयान ले रही है। वहीं पुलिस ने अभी तक कालरा से लिए वीडियो, आडियो की फारेंसिंक जांच कराई। यानी जीतू के मामले में पुलिस सुस्त है और केवल बयान के लिए उसे ढूंढ रही है।
जीतू यादव की कमाई का मुख्य जरिया रंगदारी, गोवा में सट्टे में सवा दो करोड़ जीता, कार खरीदी
इन समर्थकों पर इतने केस
अभिजीत आदिवाल- 18 गंभीर केस, मारपीट का केस, पहले भी पाक्सो लग चुका
नितिन अड़ागले- 13 केस, आबकारी एक्ट, मारपीट व अन्य
ललित गोगड़े- 12 केस, आबकारी एक्ट, जुआ
दीपू उर्फ दीपक जाटव- 8 केस, जुआ, सट्टा
विनय भरवेले- 8 केस, हत्या, हत्या का प्रयास आमर्स एक्ट
शैलेंद्र उर्फ पिंटू शिंदे- इस पर 6 केस, बलवा, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट
नवीन आर्य- 6 केस, जुआ, हत्या का प्रयास, अवैध हथियार रखना
धीरज शिंदे- दो केस
अभी तक यह हो चुके गिरफ्तार
अभी तक पुलिस ने 40 अज्ञात में से करीब 30 की पहचान कर ली है और इसमे से 16 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें पिंटू रावेरकर, ललित गोंगड़े, विनय भरदेला, अरुण दानीवर, नवीन आर्य, कृष्णा शर्मा, दीपक जोरिया उर्फ दीपू काका, नितिन अडागले, शैलेंद्र उर्फ पिंटू शिंदे, विशाल गोस्वामी, गोलू उर्फ अभिजीत आदीवाल, धीरज शिंदे, संतोष केमियां, सौरभ पिता राजकुमार
गुंडा जीतू यादव की गैंग का एक और वीडियो, दर्जन भर कारों से गए थे घर
इन्हीं लोगों से कराता था रंगदारी
गुंडा जीतू यादव एमआईसी मेंबर के चलते निगम से तो कमाई करता ही था लेकिन उसका मुख्य धंधा जब वह पार्षद नहीं था तब भी रंगदारी और वसूली ही थी। इसके लिए उसने इन समर्थक गुंडों की पूरी फौज जमा कर रखी थी। साथ ही इसके अधिकांश समर्थकों पर जुए, सट्टे के केस हैं, खुद पर भी जीत पर 19 साल की उम्र में जुआ एक्ट लग चुका है, गोवा में भी वह सट्टा खेलने जाता था। यह पूरी गैंग सट्टे के धंधे में भी जमकर लगी हुई थी। वहीं इनके गंभीर अपराधों से साफ होता है कि यह कालरा के घर कुछ भी और बड़ी अनहोनी करने से भी नहीं चूकते, यदि कालरा घर पर मिल जाता तो कोई और बड़ा कांड करने से भी यह नहीं चूकते।
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जीतू क्या कर रहा प्लानिंग
जीतू अभी तक पुलिस केस में आरोपी नहीं बना है। कालरा से लिए गए वीडियो, ऑडियो की भी फोरेंसिक जांच नहीं हुई है। कुल मिलाकर जीतू इसी कोशिश में है कि पुलिस उसे आरोपी नहीं बनाए और बनाता भी है तो मारपीट, जैसी धाराएं ही लगें जिसमें वह एक-दो दिन में ही बाहर हो जाएगा। साथ ही उसकी यह प्लानिंग है कि एक-एक कर आरोपी पुलिस में पेश होते हैं, जिससे उस पर ध्यान नहीं जाएं और इन आरोपियों की जमानत याचिका भी लगती रहे, जिससे एक भी जमानत हो जाती है तो इसी आधार पर उसके भी रास्ते खुल जाएंगे। वहीं पुलिस भी अप्रत्यक्ष तौर पर मदद करती दिख रही है क्योंकि जीतू पर पहले तो भार लापरवाही की और सीएम की सख्ती के बाद जागे और वहीं गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड में लेकर जीतू को ऑन रिकार्ड लेने की कोशिश नहीं की गई। ऐसे में यह केस जीतू पर केवल 12वां केस बनकर रह जाएगा जैसे पहले 11 केस हुए।
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