MP स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला, दोगुनी कीमत पर खरीदे स्मार्ट पैनल
MP के स्कूलों में 65 इंच पैनल 1.20 लाख में खरीदे गए, जबकि GEM पोर्टल पर यही मॉडल 65 हजार में उपलब्ध है। मामले की शिकायत स्कूल शिक्षा मंत्री तक पहुंच गई।
सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए लगाए जा रहे 65 इंच के स्मार्ट पैनल दोगुनी कीमत पर खरीदे गए। GEM पोर्टल पर जहां यही पैनल 65-85 हजार में मिलते हैं, वहीं सरकार ने इन्हें 1.20 लाख रुपये में खरीदा। जांच में सामने आया कि मॉडल नंबर भी वही है, यानी बड़ी खरीद गड़बड़ी का शक गहराया है।
3500 पैनल की योजना में खर्च होंगे 40 करोड़
यह योजना पीएम-श्री और सांदीपनि स्कूलों समेत अन्य हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए है। योजना के तहत 3500 पैनल खरीदे जाने हैं। पहले ही चरण में लगभग 22 करोड़ की बजाय 40 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान है। यही नहीं, खरीदी में उस कंपनी को तरजीह दी गई जिसने क्विकहिल जैसी एमडीएम कंपनी से करार किया है।
दोगुनी कीमत पर खरीदी का खुलासा
शिकायत के बाद ALTOS IZ65A मॉडल नंबर की जांच की गई। यही पैनल GEM पर मात्र 65,000 में उपलब्ध है। लेकिन स्कूलों में इसे 1.20 लाख में खरीदा गया। इससे यह साफ हो गया कि खरीद मूल्य वास्तविक दर से दोगुना है।
तीन गुना दाम पर कंप्यूटर बेचने का आरोप
यही क्विकहिल (Quick Heal) से जुड़ी लोकल वेंडर कंपनी 2023 में एमपी बोर्ड को तीन गुने रेट पर कंप्यूटर बेच चुकी है। तब भी सरकार को 55 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। उस मामले की लोकायुक्त में शिकायत हुई थी, लेकिन बिना जांच मामला बंद कर दिया गया।
तीन दिन तक स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त से संपर्क की कोशिश हुई। लेकिन न उन्होंने समय दिया, न मैसेज का जवाब दिया।
एक नजर में समझें पूरा मामला
मध्यप्रदेश के 3500 स्कूलों में स्मार्ट पैनल लगाने की योजना।
GEM पोर्टल पर उपलब्ध मॉडल को दो गुना कीमत में खरीदा गया।
कुछ जिलों में रेट कम देने पर कंपनियों को बाहर कर दिया गया।
पुरानी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मंत्री ने जांच शुरू करने की बात कही है।
हर जिले में महंगे पैनल खरीदे
विदिशा में ACER के 94 पैनल 1.20 लाख रुपए प्रति यूनिट में खरीदे गए। जबकि GEM पर यही मॉडल मात्र 65 हजार में है। भोपाल में 42 बोर्ड सैमसंग WA65C मॉडल के खरीदे गए, जिनके लिए 1.15 लाख चुकाए गए। जबकि GEM पर इनकी कीमत 85 हजार है।
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा, मुझे शिकायत मिली है। मैंने जांच शुरू करवा दी है। सोमवार को भोपाल आकर देखूंगा और जरूरी एक्शन लिया जाएगा।
हरदा में LG कंपनी ने 90 हजार में रेट भरा तो उसे बाहर कर दिया गया। बाद में रेट बढ़ाने पर इसी कंपनी को खरगोन और सीहोर में ऑर्डर दे दिया गया। रायसेन में DEO को ऊपर से ब्लैकलिस्ट करने के लिए कहा गया था।
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