सरकार कर रही तैयारी, अब नहीं आएंगे गोल्ड बॉन्ड!

सरकार अगले वित्त वर्ष 2025-26 से सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड बंद करने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य कर्ज और वित्तीय दबाव को कम करना है।

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Siddhi Tamrakar
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केंद्र सरकार ने कर्ज घटाने के लिए सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड योजना बंद करने का विचार शुरू कर दिया है। वित्त मंत्रालय अगले वित्त वर्ष 2025-26 से इसे लागू करने की योजना बना रहा है। इस कदम का उद्देश्य सरकार पर बढ़ते वित्तीय दबाव को कम करना है।

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सरकार का उद्देश्य और योजना

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को इन बॉन्ड्स पर मैच्योरिटी के बाद सोने की कीमत के बराबर भुगतान करना होता है। इसके साथ ही निवेशकों को 2.5% ब्याज का भुगतान भी करना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2026 के बजट में कर्ज घटाने की विस्तृत योजना की घोषणा करने का संकेत दिया है।

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ऐसे शुरू हुए थे गोल्ड बॉन्ड  

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका उद्देश्य था कि लोग फिजिकल सोने के बजाय इन बॉन्ड्स में निवेश करें। यह बॉन्ड आठ साल की मैच्योरिटी अवधि के साथ आता है और पांच साल के बाद इसे भुनाने का विकल्प मिलता है।

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सरकार के वित्तीय आंकड़े

वित्तीय वर्ष 2023 तक, 45,243 करोड़ रुपये मूल्य के गोल्ड बॉन्ड जारी किए गए थे। मार्च 2023 तक इन पर कुल बकाया 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गया था। सरकार ने इन बॉन्ड्स के लिए समय से पहले रिडेम्प्शन की सुविधा भी प्रदान की है।

वित्त वर्ष बॉन्ड की रकम  वजन (किलोग्राम में)
2015-16 1,318 4,904
2016-17 3,481 11,388
2017-18 1,895 6,525
2018-19 643 2,031
2019-20 2,316 6,131
2020-21 16,049 32,352
2021-22 12,991 27,035
2022-23 6,551 12,261
2023-24 26,852 44,336
2024-25* 18,500

नोट: राशि करोड़ रुपये में। *बजट अनुमान।
स्रोत: वित्त मंत्रालय, आरबीआई

विशेषज्ञों की राय

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव का मानना है कि बढ़ती सोने की कीमतों को देखते हुए सरकार को ऐसी योजनाएं बंद कर देनी चाहिए।

FAQ

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड क्या है?
सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी योजना है जिसमें निवेशकों को फिजिकल सोने के बजाय बॉन्ड में निवेश करने का विकल्प दिया जाता है।
सरकार ने सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड क्यों बंद करने का फैसला किया?
सरकार ने यह फैसला कर्ज और वित्तीय दबाव को कम करने के उद्देश्य से किया है।
सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत कब हुई थी?
यह योजना नवंबर 2015 में शुरू की गई थी।
इन बॉन्ड्स पर ब्याज दर कितनी होती है?
सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5% वार्षिक ब्याज दर दी जाती है।
मैच्योरिटी के बाद भुगतान कैसे किया जाता है?
मैच्योरिटी के बाद निवेशकों को सोने की मौजूदा बाजार कीमत के हिसाब से भुगतान किया जाता है।

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