मप्र को सोयाबीन स्टेट कहा जाता है, लेकिन यहीं पर इस फसल के दाम मंडियों में तेजी से गिर गए हैं। हालत यह है कि दस साल पुराने भाव पर मंडियों में सोयाबीन बिक रही है। इससे किसानों में भारी गुस्सा है। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ( Digvijaya Singh )ने इस मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी सरकार को घेरा है। उन्होंने महंगाई का हिसाब बताते हुए कहा कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6,000 रुपए प्रति क्विटंल होना चाहिए।
यह है समर्थन मूल्य, और मंडियों में मिल रहा दाम
साल 2024-25 के लिए केंद्र ने सोयाबीन का समर्थन मुल्य 4892 रुपए घोषित किया हुआ है और वहीं यह बीते साल 2023-24 के लिए 4600 रुपए था। वहीं अभी मंडियों में यह पुराना सोयाबीन (बीते साल की फसल का, अभी नई फसल अक्टूबर में आएगी) 3900 से 4200 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है।
पूर्व सीएम दिग्गी ने यह बताई महंगाई
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि डबल ईंजन की सरकार किसानों को रौंद रही है। मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने भी इस मुद्दे को उठाया है। वहीं दिग्विजय सिंह ने सोशल अकाउंट पर लिखा है कि- किसान भाइयों को अपने हक के लिए आवाज उठाना चाहिए क्योंकि किसान उत्पादक और उपभोगता दोनो है। सोपा की रिपोर्ट के अनुसार भाव अगस्त 2011-12 4400/क्विंटल, मई 2013-14 4600/क्विंटल, अगस्त 2023-24 में 11 साल बाद भाव 4100/क्विंटल। जबकि एमएसपी का झूठा आश्वासन 4950/क्विंटल है।
लागत- डीजल 42 से 92 लगभग 220% की वृद्धि
खाद 600 से 1450
कीटनाशक में लगभग 250% की वृद्धि
हर्बिसाइड के भाव में भी लगभग 200% की वृद्धि
और सोयाबीन के भाव 12 साल पहले के भाव से भी नीचे !
@narendramodi जी @ChouhanShivraj लागत बढ़ गई उपज की क़ीमत नहीं बढ़ी किसानों की दूनी आमदनी कहां से हो गई?
यह डबल इंजन सरकार किसानों को रौंदने में लगी है।
ज्यादा नहीं तो कृषि मंत्री जी आपके कथन के अनुसार ही सोयाबीन की MSP मध्यप्रदेश में ही सुनिश्चित करा दें। MSP भी अब 6000 प्रति क्विंटल होना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा भी विरोध में
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, चंदन सिंह बड़वाया, शैलेंद्र पटेल आदि ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण सोयाबीन के भाव कम मिल रहे है। फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश है। किसानों द्वारा जो खेती किसानी में वस्तुएं इस्तेमाल की जाती है, उनके दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
खाद, दवाई ,मजदूरी सारी चीजों में बहुत बढ़ोतरी हुई है, लेकिन किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है । सोयाबीन का एमएसपी 4850 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि किसानों को फिलहाल प्रति क्विंटल पर 1000 से 1300 रुपए का सीधा नुकसान हो रहा है।
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