BHOPAL. वो स्त्री है, परकटी होने के बावजूद कुछ भी कर सकती है...' ये डायलॉग तो आपको याद ही होगा। जी हां, यह पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म स्त्री-2 का डायलॉग है। क्या ही गजब फिल्म है। डर के बीच हंसा हंसाकर लोट-पोट कर देती है यह। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर के लीड रोल वाली यह फिल्म कमाई के मामले में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन कर रही है। स्त्री-2 ने श्रद्धा कपूर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। साथ ही स्त्री-2 की ऐतिहासिक सफलता ने स्त्री-3 की जमीन भी तैयार कर दी है।
तो भैया, भिया, दादा, दाऊ और बड्डे... इस फिल्म के साथ अपना एमपी भी दुनियाभर में छा गया है। स्त्री-2 मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के चंदेरी में शूट हुई है। एमपी का फिल्मों से गहरा नाता रहा है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे मध्यप्रदेश का बॉलीवुड कनेक्शन...। पढ़िए अनछुए पहलुओं से भरी 'द सूत्र' की यह खास रपट...
लापता लेडीज ने भी गाड़े सफलता के झंडे
दूसरे नंबर पर आती है लापता लेडीज। यह फिल्म मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के गांवों में शूट हुई है। अब इसे ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नोमिनेट किया गया है। इस फिल्म में सीहोर के बमूलिया, सेमली, ढबला-माता, शिकारपुर, जोशीपुर घाट, गुंजारी मंदिर, इछावर मार्केट प्रमुखता से नजर आते हैं।
लॉयन की 19 दिन यहां हुई शूटिंग
वर्ष 2016 में बनी फिल्म लॉयन की शूटिंग इंदौर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, देवास और बुरहानपुर में हुई है। यहां 19 दिनों की शूटिंग हुई थी। इसे भी ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था। फिल्म अब तक कई इंटरनेशनल अवॉर्ड जीत चुकी है।
आन ने तोड़ दिए थे सारे रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश में 1952 से फिल्मों की शूटिंग हो रही है। देश की पहली रंगीन और टेक्नीकलर फिल्म 'आन' की शूटिंग राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ किले में हुई थी। इसे एक साथ 28 देशों में 17 भाषाओं में रिलीज किया गया था। इस फिल्म को 'मदर इंडिया' के डायरेक्टर रहे महबूब खान ने बनाया था।
फेमस बॉलीवुड फिल्में मध्यप्रदेश में बनीं
बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों की मध्यप्रदेश में हुई शूटिंग की एक लंबी लिस्ट है। 1955 में दिग्गज एक्टर राजकपूर की फिल्म 'श्री 420' की कुछ शूटिंग शाजापुर में हुई। इसके बाद 1957 में 'रानी रूपमती', 1957 में ही 'नया दौर' की शूटिंग सीहोर जिले के बुदनी में हुई। 1963 में 'मुझे जीने दो' फिल्म की शूटिग चंबल क्षेत्र में हुई।
इन फिल्मों दिलाया नया मुकाम
इसके बाद वर्ष 2017 में 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा' की शूटिंग खरगोन जिले के महेश्वर में हुई। 2015 में 'बाजीराव मस्तानी' फिल्माई गई। 'गंगाजल-2' और राजनीति का एक बड़ा हिस्सा भोपाल में फिल्माया गया। इसके बाद स्त्री, पंगा, मोहनजोदडो और हाल में ही सीहोर में हुई 'पंचायत' वेब सीरीज ने भी भरपूर नाम कमाया है। इन फिल्मों के साथ मध्यप्रदेश का सौंदर्य भी लोगों के दिलों में बस गया। कई फिल्में भोपाल, रायसेन, मांडू, ओरछा, खजुराहो, पन्ना, अजयगढ़, ग्वालियर, रीवा, अमरकंटक, पातालकोट, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, जबलपुर, धार, ओंकारेश्वर, उज्जैन, असीरगढ़, बुरहानपुर, देवास, महेश्वर, इंदौर, पचमढ़ी, तवा, भोजपुर, सांची, भीमबेटका और इस्लामनगर (जगदीशपुर) में बनीं।
इसके बाद के सालों में वर्ष 1977 में 'किनारा', 1985 में 'मैसी साहेब', 1993 की 'इन कस्टडी', 1994 की 'बैंडिट क्वीन', 1998 की 'प्यार किया तो डरना क्या', 1999 में 'हो तू-तू' और भोपाल एक्सप्रेस, 2001 में 'अशोका', 2003 में 'मकबूल', 2007 में 'जब वी मेट' 2010 में 'पीपली लाइव', 2011 में 'आरक्षण' और 2012 की सबसे प्रसिद्ध फिल्म 'पान सिंह तोमर' की शूटिंग में मध्यप्रदेश में हुई थी।
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