मप्र सिया (मप्र स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी- सिया) के चेयरमैन पद के लिए नाम तय हो गया है। इस अहम पद की दौड़ में 50 से ज्यादा नाम शामिल थे जिसमें एक दर्जन रिटायर्ड आईएएस के साथ ही एक दर्जन रिटायर्ड आईएफएस भी दौड़ में थे, कुछ पद पर मौजूद आईएएस भी इस पद के लिए लगे थे।
इनका नाम हुआ है तय
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पद के लिए पन्ना के पूर्व कलेक्टर व रिटायर्ड आईएएस शिव नारायण सिंह चौहान का नाम तय हुआ है। वह रिटायरमेंट के बाद बीजेपी से जुड़ गए थे और चुनाव के लिए टिकट भी मांग रहे थे। लेकिन टिकट नहीं होने के बाद तय हुआ था कि उन्हें सही पद दिया जाएगा। उधर, सिया मेंबर के लिए भी भारी दौड़ लगी थी, लेकिन कई अधिकारियों को पछाड़ते हुए ग्वालियर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मेंबर सुनंदा रघुवंशी का नाम तय हुआ है। वह सभी को पछाड़कर इस रेस में सबसे आगे हो गई हैं। माना जा रहा है कि इस संबंध में दोनों की नियुक्ति का नोटिफिकेशन किसी भी दिन जारी हो जाएगा। सिया चेयरमैन अरुण भट्ट के रिटायर होने के बाद से ही यह पद लंबे समय से रिक्त था।
राकेश श्रीवास्तव बने सेक के चेयरमैन
वहीं राकेश श्रीवास्तव को सेक यानी स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति) का चेयरमैन बनाया गया है। कमेटी में शामिल एक्सपर्ट विभिन्न मामलों का मूल्यांकन करते हैं।
यह IAS भी थे पद की दौड़ में
इस पद के लिए मार्च 2024 में नोटिफिकेशन आया था जिसमें करीब 60 आवेदन आए थे। स्क्रूटनी के बाद लिस्ट बनी। रिटायर्ड आईएएस में अजातशत्रु श्रीवास्तव, रघुवीर श्रीवास्तव, अशीष सक्सेना, नरेश पाल कुमार , शिव नारायण सिंह चौहान, आनंद कुमार शर्मा, राकेश अग्रवाल, कल्पना श्रीवास्तव, महेश चौधरी, डॉ. मधु खरे, राकेश कुमार श्रीवास्तव के साथ आईएएस राकेश सिंह, रविंद्र सिंह भी पद की दौड़ में थे।
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यह रिटायर्ड IFS दौड़ में थे
इसमें रिटायर्ड आईएफएस की बात करें तो इसके लिए रिटायर्ड प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट पीसीसीएफ डॉ. अशोक कुमार सिंह के साथ ही मोहम्मद कासम खान, प्रमोद मरकाप, सुब्रत मुखर्जी, अतुल खेरा, रविंद्र नाथ सक्सेना, भरत शर्मा, पीसी दुबे, अतुल श्रीवास्तव, संदीप त्रिपाठी जैसे नाम शामिल थे।
अधिकारियों ने जमाई लॉबिंग
बताया जा रहा है कि सिया चेयरमैन पर चौहान का नाम तय होने के बाद सबसे ज्यादा समस्या मेंबर के पद के लिए थी। मेंबर के पद के लिए अंतिम दो-तीन नामों के लेकर दो महीने से मंत्रालय में भारी खींचतान मची हुई थी। इसमें संगठन की ओर से दूसरा नाम था लेकिन आखिरकार दिल्ली से भोपाल तक अधिकारियों द्वारा की गई लॉबिंग के बाद सुनंदा जैन का नाम फाइल होने की खबर सामने आई है।
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