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MP News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इसमें भिंड जिले के अटेर से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ रेप मामले की जांच फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है। यह मामला पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच की निगरानी डीआईजी स्तर के अधिकारी से करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने जांच की निगरानी भोपाल रेंज के डीआईजी से कराने का आदेश दिया। यह कदम मामले की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है।
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कोर्ट ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें। यह आदेश महत्वपूर्ण है क्योंकि हाईकोर्ट ने इस मामले में अग्रिम जमानत दी थी और जांच में देरी हो रही थी।
जांच की प्रक्रिया और अगले कदम
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे चार सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट दाखिल करें। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी, जो आगे की प्रक्रिया तय करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, एएजी अमित शर्मा और अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे। हेमंत कटारे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गगन गुप्ता ने अपना पक्ष रखा।
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इन पॉइंट्स से समझें हेमंत कटारे पर अब तक क्या हुआ?👉 जनवरी 2018 में भोपाल की एक छात्रा, कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण और धमकाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। 👉 फरवरी 2018 में पीड़िता ने दावा किया कि हेमंत कटारे ने दोस्ती के नाम पर कई बार उसका शारीरिक शोषण किया। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ था। 👉 मार्च 2018 में हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि पीड़िता ने झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की है। उसके खिलाफ ब्लैकमेलिंग और फिरौती की शिकायत दर्ज करवाई। 👉 अप्रैल 2018 में पीड़िता ने मीडिया के सामने आकर कहा कि उसने पहले झूठे आरोप लगाए थे। हेमंत कटारे निर्दोष हैं, लेकिन इसके बाद अपने बयान से मुकर गई। 👉 दिसंबर 2024 में एमपी हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग करें। 👉 जनवरी 2025 में एमपी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की। 👉 4 अगस्त 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले की जांच एक उच्च-स्तरीय अधिकारी की निगरानी में की जाएगी। हेमंत कटारे की गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी। |
जांच की निष्पक्षता
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मामले की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी अहम है। डीआईजी की निगरानी में जांच से उम्मीद है कि मामले में जल्द और सही निर्णय लिया जाएगा।
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