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नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही सांसद शंकर लालवानी, विधानसभा इंदौर-दो के विधायक रमेश मेंदोला, राउ के विधायक मधु वर्मा और पूर्व महापौर उमा शशि शर्मा—इन सभी नेताओं को एक 24 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है।
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इन पर यह लगे थे आरोप
साल 2001-02 में इंदौर में पीपल्याहाना तालाब को रीजनल पार्क में विकसित करने की तैयारी हुई थी। इसके लिए होलकर घराने की कुछ जमीन अधिग्रहित की गई और उन्हें इसके बदले में नवरतन बाग में जमीन दी गई। इस पर इन सभी पर आरोप लगे थे कि इन्होंने सस्ती जमीन ली और बदले में लाभ पहुंचाते हुए कीमती जमीन दे दी। इस दौरान विजयवर्गीय महापौर पद पर थे और लालवानी, मेंदोला, शर्मा और वर्मा महापौर परिषद के मेंबर थे। आज विजयवर्गीय मंत्री हैं, लालवानी सांसद और मेंदोला व वर्मा विधायक पद पर हैं। डॉ. शर्मा अभी किसी पद पर नहीं हैं, वह बाद में महापौर पद पर भी रही हैं।
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निजी परिवाद हुआ था दायर
इस मामले में इन सभी पर निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जिला कोर्ट में निजी परिवाद दायर हुआ। अधिवक्ता आनंद अग्रवाल ने बताया कि यह परिवाद इस आधार पर खारिज हो गया कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ केस चलाने के पहले सरकार से अभियोजन की मंजूरी जरूरी है। इसके बाद अपील हाईकोर्ट में हुई और वहां भी खारिज हो गई। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, और वहां भी जिला व हाईकोर्ट के आदेश को बनाए रखा गया और एसएलपी खारिज कर दी गई।
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