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BHOPAL. सुप्रीम कोर्ट ने सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने करोड़ों रुपए की रिफंड राशि पर अंतरिम रोक लगाई है। इस फैसले से मध्यप्रदेश सरकार को तत्काल राहत मिली है।
यह मामला विशेष अनुमति याचिका (सिविल) क्रमांक 45732/2025 से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई 2025 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर के आदेश पर रोक लगाई। यह आदेश सोम डिस्टलरीज के पक्ष में था।
सरकार की याचिका पर SC की सुनवाई
एमपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कंपनी को मिलने वाली रिफंड राशि पर अंतरिम रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक सोम डिस्टलरीज को कोई राशि वापस नहीं की जाएगी।
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देरी माफ, कंपनी को नोटिस जारी
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की याचिका दाखिल करने में हुई देरी को माफ कर दिया है। इसके साथ ही सोम डिस्टलरीज को नोटिस जारी किया गया। कंपनी के वकीलों ने नोटिस स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सोम डिस्टलरीज चार सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट दाखिल करे। इसके बाद राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाबी एफिडेविट दाखिल करना होगा।
अगली सुनवाई की तारीख तय
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 2 फरवरी 2026 तय की है। तब तक रिफंड पर लगी रोक जारी रहेगी।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद करीब 16 करोड़ 5 लाख 13 हजार 111 रुपए की राशि से जुड़ा है। पूर्व में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ ने 50 प्रतिशत राशि जमा कराने का आदेश दिया था।
इन आदेशों के तहत सोम डिस्टलरीज ने आधी राशि आबकारी विभाग के पास जमा कर दी थी। बाद में कंपनी ने यह रकम वापस मांगी थी।
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हाईकोर्ट का पुराने फैसले पर रोक
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कैत ने कंपनी के पक्ष में फैसला दिया। उन्होंने कहा कि सरकार शेष राशि की वसूली नहीं कर सकती। आदेश था कि जमा रकम लौटाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक कोई रिफंड नहीं होगा।
क्यों अहम है यह फैसला?
यह मामला कंपनियों की देनदारियों, राज्य सरकार की राजस्व वसूली और कानूनी अधिकारों से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से स्थिति यथावत रहेगी। अब 2 फरवरी 2026 की सुनवाई पर ध्यान है। उस दिन तय होगा कि यह राशि किसके खाते में जाएगी।
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