स्वर्ण रेखा नदी के किनारे से अतिक्रमण हटाने का दावा वाटर रिचार्जिंग पॉइंट निरीक्षण में निकला गलत

ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी के पुनरुद्धार के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित 11 सदस्यीय दल ने नदी के वाटर रिचार्जिंग पॉइंट का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की।

author-image
Vikram Jain
New Update
swarn rekha river revival gwalior high court hearing
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

ग्वालियर शहर की जीवनदायिनी मानी जाने वाली स्वर्ण रेखा नदी के पुनरुद्धार को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित 11 सदस्यीय दल ने नदी के वाटर रिचार्जिंग पॉइंट का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की, जिसमें नदी किनारे अतिक्रमण हटाने के दावे को गलत बताया गया है। इस रिपोर्ट को आगामी सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई

दरअसल, ग्वालियर शहर के लिए स्वर्ण रेखा नदी का अत्यधिक महत्व है, और इसके पुनरुद्धार को लेकर जारी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने इस मामले में याचिका दायर की है। अब जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर 11 सदस्यों वाली टीम का गठन किया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर टीम ने नदी के आउटर एरिया में स्थित वाटर रिचार्जिंग पॉइंट्स का निरीक्षण किया। 

ये खबर भी पढ़ें... ग्वालियर हाईकोर्ट ने जीवाजी विश्वविद्यालय के फर्जी कॉलेजों की जांच के दिए आदेश

अतिक्रमण हटाने का दावा निकला गलत

हाईकोर्ट के आदेश के बाद 11 सदस्यीय टीम ने जांच की, जांच के दौरान कई खामियों का पता चला, जिनमें यह भी शामिल है कि जल संसाधन विभाग और नगर निगम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने का दावा पूरी तरह से गलत था। टीम की ग्राउंड स्टडी से यह सामने आया कि नदी में वाटर रिचार्जिंग पॉइंट्स पर काम शुरू होने का दावा भी गलत था।

ये खबर भी पढ़ें... नर्मदा किनारे अतिक्रमण पर HC ने लगाई रोक, मास्टर प्लान सख्ती से लागू करने के दिए नर्देश

निरीक्षण के बाद टीम ने तैयार की विस्तृत रिपोर्ट

इसके बाद टीम ने इस निरीक्षण पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसे हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। याचिकाकर्ता का आरोप है कि जल संसाधन विभाग, नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की थी, जिसकी पोल निरीक्षण के दौरान खुल गई। अब यह उम्मीद की जा रही है कि इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी और गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे।

ये खबर भी पढ़ें... जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर को कोर्ट की फटकार, HC ने हलफनामे में मांगा जवाब

ये खबर भी पढ़ें... भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पर लगे मनमानी के आरोप, HC ने लगाई फटकार

Gwalior News ग्वालियर न्यूज मध्य प्रदेश Gwalior High Court ग्वालियर हाईकोर्ट जनहित याचिका स्वर्ण रेखा नदी Gwalior Swarn Rekha River