ग्वालियर हाईकोर्ट ने जीवाजी विश्वविद्यालय के फर्जी कॉलेजों की जांच के दिए आदेश

ग्वालियर हाईकोर्ट ने जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों की अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं। 200 कॉलेजों पर फर्जी डिग्रियां बांटने और छात्रवृत्ति घोटाले में लिप्त होने का आरोप है। ईओडब्ल्यू को जांच सौंप दी गई है।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
gwalior-highcourt-investigates
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

ग्वालियर हाईकोर्ट (Gwalior High Court) ने जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) से संबद्ध सभी कॉलेजों की अनियमितताओं की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय के करीब 200 फर्जी कॉलेजों (Fake Colleges) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मुरार निवासी डॉ. अरुण शर्मा की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई में यह खुलासा हुआ कि इन कॉलेजों ने फर्जी डिग्रियां बांटी हैं और छात्रवृत्ति घोटाले में भी लिप्त हैं। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपी गई है।

झुंडपुरा कॉलेज का मामला 

हाईकोर्ट में झुंडपुरा कॉलेज के मामले में हुई सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि जीवाजी विश्वविद्यालय ने धारा 52 (Section 52) लागू की है और आरोपित कुलगुरु को बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद एक नया कुलगुरु नियुक्त किया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने कोर्ट को बताया कि ईओडब्ल्यू केवल झुंडपुरा के एक कॉलेज की जांच कर रहा है, जबकि इस तरह के 200 कॉलेज और भी हैं, जो फर्जी डिग्रियां बांट रहे हैं और घोटाले में शामिल हैं।

ये खबर भी पढ़िए... जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी को हटाया, EOW ने दर्ज किया था धोखाधड़ी का मामला

सभी कॉलेजों की जांच के आदेश

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू को निर्देश दिया कि झुंडपुरा कॉलेज की तरह ही सभी कॉलेजों की जांच की जाए और आरोपितों के खिलाफ जल्द से जल्द आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएं। जीवाजी विश्वविद्यालय भी इस जांच में पूरी मदद करेगा।

ये खबर भी पढ़िए... जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी समेत 20 पर EOW में केस

फर्जी कॉलेजों के संचालन का खुलासा

डॉ. अरुण शर्मा ने याचिका में बताया कि झुंडपुरा के शिवशक्ति कॉलेज का नाम जीवाजी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है, लेकिन उन्होंने कभी भी इस कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए कोई साक्षात्कार नहीं दिया। इसके साथ ही यह कॉलेज कागजों पर ही संचालित है, और न तो इसका कोई भवन है, न ही स्टाफ। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि शिव शक्ति कॉलेज का कोई अस्तित्व झुंडपुरा या मुरैना में नहीं है, यह केवल कागजों में ही चलता है। छात्रों को पढ़ाया नहीं जाता और यह कॉलेज छात्रवृत्ति घोटाले में लिप्त है।

ये खबर भी पढ़िए... आदिवासी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में 60 से अधिक छात्राओं की तबीयत बिगड़ी, कई गंभीर

फर्जी कॉलेजों की सूची

इस मामले में यह भी सामने आया कि ग्वालियर चंबल संभाग में 200 से अधिक फर्जी कॉलेज संचालित हैं, जो शासन से प्राप्त करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति का घोटाला कर रहे हैं और लाखों छात्रों को फर्जी डिग्रियां बांट रहे हैं।

ये खबर भी पढ़िए... PF मेंबर्स के लिए खुशखबरी... 2024-25 के लिए ब्याज दर में नहीं होगी कमी

हाईकोर्ट का कड़ा रुख

हाईकोर्ट ने इस गंभीर मामले में जल्द कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह की अनियमितताओं और धोखाधड़ी से छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है, और इससे निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

FAQ

फर्जी कॉलेजों के संचालन से छात्रों को क्या नुकसान हो रहा है?
फर्जी कॉलेजों के कारण छात्रों को फर्जी डिग्रियां मिल रही हैं, जिससे उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में क्या निर्देश दिए?
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि सभी कॉलेजों की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ शीघ्र आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाएं।
ईओडब्ल्यू को क्या जिम्मेदारी दी गई है?
ईओडब्ल्यू को जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों की अनियमितताओं की जांच करने और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश करने के आदेश दिए गए हैं।

मध्य प्रदेश ग्वालियर हाईकोर्ट Jiwaji University जीवाजी विश्वविद्यालय EOW ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच एमपी हिंदी न्यूज