MP News: स्कूलों में शिक्षकों की सौ फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में एक जुलाई से नया ऐप लांच किया जा रहा है। हमारे शिक्षक (Hamare Shikshak) ई-अटेंडेंस ऐप के माध्यम से अब शिक्षकों को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
शिक्षा विभाग का यह निर्णय शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है। ई-अटेंडेंस ऐप का ट्रायल ग्वालियर से किया जा रहा है। यहां के शिक्षकों ने इस एप का विरोध प्रारंभ कर दिया है। शिक्षक इस एप में खामियां बता रहे है।
क्या है ई-अटेंडेंस ऐप और कैसे करता है काम
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रेक करने, उनके आने और जाने की उपस्थिति दर्ज करने के लिए इस ऐप का उपयोग किया जाएगा। शिक्षक को स्कूल पहुंचने पर ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होगी,साथ ही अपनी सेल्फी भी अपलोड करना होगी।
छुटटी पर रहने के दौरान भी शिक्षक को अपनी लोकेशन व सेल्फी अपलोड करना होगी। ई-अटेंडेंस ऐप में जैसे ही शिक्षक स्कूल पहुंचेंगे तो उन्हें ऐप लाॅगिन करना होगा। इसके साथ अपनी सेल्फी अपलोड करनी होगी। यदि शिक्षक किसी दिन अवकाश पर है तो यहां भी उन्हें सेल्फी अपलोड कर वैरिफाई करवाना होगा।
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शिक्षकों को रास नहीं आया नया निर्णय
शिक्षा विभाग के इस नए प्रयोग और निर्णय का विरोध भी प्रारंभ हो गया है। प्रदेश के ग्वालियर संभाग के शिक्षकों ने खुलकर इस ऐप का विरोध प्रारंभ कर दिया है। यहां के शिक्षकों का आरोप हे कि इस ऐप में कई तकनीकी खामियां है। इस ऐप से उनकी प्राइवेसी और निजी स्वतंत्रता पर असर पडेगा। शिक्षकों का आरोप है कि विभाग अब 24 घंटे उनकी निगरानी इस एप के माध्यम से करवाना चाहता हैं।
ग्वालियर में प्रायोगिक प्रयोग, हो सकती है वेतन कटौती
इस ऐप का प्रायोगिक प्रयोग ग्वालियर जिले में किया जा रहा है। ग्वालियर में 22 हजार से अधिक शिक्षक है, इनमें 13 हजार महिला शिक्षक व 8 हजार पुरुष शिक्षक शामिल हैं। यहां के शिक्षकों ने खुलकर इस ऐप का विरोध प्रारंभ कर दिया है। इधर इस प्रक्रिया में यदि शिक्षक समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करते है तो उनके उस दिन का वेतन कटौती हो सकती है।
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30 जून को शिक्षकों का प्रदर्शन, सौंपेगे ज्ञापन
इस नई ई-अटेंडेंस प्रणाली को लेकर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने अब खुलकर विरोध प्रारंभ कर दिया है। इस एप के विरोध में शिक्षक संगठनों द्वारा 30 जून को ग्वालियर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम सौंपा जाएगा। शिक्षक स्कूलों में इस एप के उपयोग पर रोक लगाने व इस पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की मांग कर रहे है।
यहां भी शिक्षकों ने जताया विरोध,सौंपा ज्ञापन
प्रदेश के रायसेन जिले के शिक्षकों ने भी ई अटेंडेंस को लेकर विरोध प्रारंभ कर दिया है। संयुक्त मोर्चा शिक्षक संघ द्वारा इस एप को लेकर प्रदर्शन किया गया। राज्य शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव सत्येंद्र गौर के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने जुलूस निकालकर एसडीएम बेगमगंज को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में शिक्षा विभाग के ई-अटेंडेंस का विरोध किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि केवल शिक्षा विभाग में ही ई-अटेंडेंस क्यों ली जा रही है। अन्य विभागों में भी यह योजना लागू की जाए।
दूसरी बार मध्यप्रदेश में लागू हो रही ई अटेंडेंस प्रणाली
यह कोई पहला मौका नहीं है जब शिक्षा विभाग शिक्षकों की आनलाइन मानिटरिंग व डिजिटल अटेंडेंस लेने जा रहा है। इसके पूर्व भी सन 2017 में विभाग ने ऐसा ही प्रयोग किया था। उस समय एम शिक्षा मिश्र एप के माध्यम से शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु की गई थी। शिक्षकों के प्रदेशभर में भारी विरोध के बाद इस प्रयोग को टाल दिया गया था। अब दूसरी बार 2025 में विभाग एक नए एप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति लेने की तैयारी कर रहा है, जिसका फिर शिक्षक विरोध कर रहे है।
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शिक्षकों का विरोध | एमपी में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन
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