तेलंगाना-असम की तर्ज पर MP में भी बनेगा मेडिकल भर्ती बोर्ड

मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने और भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए तेलंगाना और असम की तर्ज पर मेडिकल भर्ती बोर्ड बनाने की योजना है।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने और भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए तेलंगाना और असम की तर्ज पर मेडिकल भर्ती बोर्ड बनाने की योजना है। तेलंगाना में 2016 और असम में 2018 में मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड (एमएचआरएसबी) का गठन हुआ था, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया तेज और सरल हो पाई। वर्तमान में मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की भर्ती एमपीपीएससी के माध्यम से होती है, जिसमें समय लगता है। राज्य में करीब 39 हजार डॉक्टरों के पद खाली हैं। मध्य प्रदेश में 1 हजार 460 लोगों पर एक डॉक्टर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। राज्य की 7.26 करोड़ जनसंख्या के लिए 89 हजार 552 डॉक्टरों की आवश्यकता है, जबकि राज्य में केवल 49 हजार 730 डॉक्टर मौजूद हैं।

मौजूदा समय में मप्र के अस्पतालों में विशेषज्ञों के इतने पद खाली हैं

पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त पद प्रतिशत
एनेस्थिसिया विशेषज्ञ 467 144 323 69.20%
मेडिसिन विशेषज्ञ 724 157 567 78.31%
स्त्री रोग विशेषज्ञ 708 318 390 55.08%
अस्थि रोग विशेषज्ञ 241 150 91 38%
शिशु रोग विशेषज्ञ 624 309 315 50.40%
पैथोलॉजिस्ट 147 76 71 48.20%
रेडियोलॉजिस्ट 109 23 86 78.80%
शल्य क्रिया विशेषज्ञ 730 180 550 75.30%
क्षय रोग विशेषज्ञ 61 21 40 65.50%
दन्त रोग विशेषज्ञ 88 23 65 73.90%
चर्मरोग विशेषज्ञ 04 00 04 100%
मानसिक रोग विशेषज्ञ 01 00 01 100%

15 दिनों में नियुक्ति सुनिश्चित करेगा...

मध्य प्रदेश में मेडिकल भर्ती बोर्ड की स्थापना की योजना है, जो डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती के लिए जिम्मेदार होगा। यह बोर्ड ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, मेरिट लिस्ट और शीघ्र परिणामों के माध्यम से 15 दिनों में नियुक्ति सुनिश्चित करेगा।

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राजेंद्र शुक्ला ने क्या कहा?

मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में 1 हजार 939 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन इसके बाद कोई डेटा अपडेट नहीं हुआ। 2019 में प्रक्रिया फिर से शुरू की गई, लेकिन अब तक केवल 20 हजार डॉक्टरों का डेटा ही अपडेट हो सका है।

राजेंद्र शुक्ला, मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम, ने कहा कि असम और तेलंगाना मॉडल से प्रेरित होकर मेडिकल भर्ती बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी दूर की जा सकेगी। अब सीएम की सहमति का इंतजार है।

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असम-तेलंगाना मॉडल ऐसे करता है काम

भर्ती प्रक्रिया मात्र 15 दिनों में पूरी होती है। इसका चयन मेरिट आधारित होता है। साथ ही 6 माह में 7 हजार से अधिक पदों के लिए भर्तियां होती हैं।

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