महाकाल मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर मंदिर की फोटो से आहत भक्त पहुंचा HC, हुआ आदेश

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भक्त लड्‌डू प्रसाद पैकेट लेते हैं। इस पैकेट पर मंदिर की फोटो बनी है और ऊं भी लिखा हुआ है। एक भक्त ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग रखी कि पैकेट से यह फोटो हटाई जाए। कोर्ट ने तीन महीने में निराकरण की बात कही...

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. उज्जैन में भगवान महाकाल मंदिर ( Mahakal temple ) में भक्त लड्‌डू प्रसाद पैकेट लेते हैं। इस पैकेट पर मंदिर की फोटो बनी है और ऊं भी लिखा हुआ। यह पैकेट भक्त कचरे में डाल जाते हैं। इससे आहत एक भक्त ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग रखी कि पैकेट से यह फोटो हटाई जाए। इस पर अब इंदौर हाईकोर्ट डबल बैंच ने मंदिर समिति को आदेश दिए हैं कि वह तीन माह में इस पर फैसला कर उचित निराकरण करें, ऐसा नहीं होने पर याचिकाकर्ता फिर हाईकोर्ट आ सकता है।

इन भक्तों ने लगाई थी याचिका

जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस गजेंद्र सिंह की कोर्ट का यह फैसला शुक्रवार को आया। 19 अप्रैल 2024 को महंत सुखदेवानंद ब्रह्मचारी गुरु श्रीमहंत योगानंद, ब्रह्मचारी श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्र, गुरु श्री स्वामी राधाकान्ताचार्य जी महाराज श्री दुर्गाशक्ति पीठ ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी के पैकेट पर महाकाल मंदिर और ऊँ छापने को गलत बताया गया। इसे हटवाने की मांग की।

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प्रसाद खाकर डिब्बे कूड़ेदान में फेंक देते हैं, धर्म से यह अनुचित

याचिकाकर्ता के वकील अभीष्ट मिश्र ने बताया कि कोर्ट में बताया कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति लड्‌डू प्रसाद वितरण करती है। इसके बॉक्स पर महाकाल मंदिर का शिखर, जिसमें ॐ और शिखर के मध्य में नागचंद्रेश्वर मंदिर का फोटो लगा है। प्रसाद लेने के बाद लोग खाली पैकेट को डस्टबिन में फेंक देते हैं। अयोध्या में लाखों डिब्बे भेजे गए, जो बाद में कूड़ेदान में फेंक दिए गए। धर्म के हिसाब से यह अनुचित है।

वैष्णोदेवी और गोल्डल टेंपल का दिया उदाहरण

कोर्ट में तर्क दिया गया कि वैष्णो देवी और अमृतसर में गोल्डन टेम्पल के प्रसाद में भी कोई चित्र नहीं रहता है। मंदिर के अधिनियम में भी कही नहीं लिखा कि डिब्बे को कैसे रिसाइकिल करेंगे। याचिकाकर्ता ने पहले मंदिर समिति से लेकर पीएमओ तक शिकायत की थी, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो वह कोर्ट गए। याचिकाकर्ता के वकील अभीष्ट मिश्र ने बताया कि इसे लेकर दो बार मंदिर समिति को आवेदन दिया, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। 11 अप्रैल 2024 को प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले। वहां से सिर्फ आश्वासन मिला। कार्रवाई नहीं हुई, तो पीएम मोदी से भी शिकायत की। पीएमओ कार्यालय से शिकायत सीएम हेल्प लाइन तक पहुंची, लेकिन यहां भी कह दिया गया कि मंदिर समिति में बात हो गई है। शिकायत का निराकारण जल्द हो जाएगा, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। 

जल्द करेंगे फैसला

मंदिर के प्रशासक मृणाल मीणा ने कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन आने के बाद समिति में इसे रखकर निर्णय लिया जाएगा। मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं को भी समय-समय पर समझाइश दे रहे हैं कि लड्डू प्रसादी के पैकेट को हर कहीं ना फेंकें। मंदिर में करीब 50 से 60 क्विंटल लड्‌डू रोजाना बनाए जाते हैं। त्योहार के दिनों में करीब 100 क्विंटल से ज्यादा लड्‌डू बनाए जाते हैं। समिति इन्हें नो प्रॉफिट, नो लॉस में बेचती है।

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