मध्य प्रदेश में 'द सूत्र' की खबर का असर हुआ है। 11 दिसंबर को सुबह सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया था कि IAS, IPS और IFS अफसरों की जगह तृतीय श्रेणी के अधिकारी लाइजनिंग करेंगे, जबकि इसके लिए IAS, IPS और IFS अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंपी जाती है। 'द सूत्र' ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद सरकार ने अपना आदेश खबर लगने के 4 घंटे बाद ही वापस ले लिया है।
छोटे कर्मचारियों को दी गई थी ये जिम्मेदारी
IAS, IPS और IFS अफसरों की जिम्मेदारी का यह आदेश एक महीने बाद ही 10 दिसंबर को पलटते हुए सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों को सौंप दी गई थी। जाहिर है कि IAS, IPS और IFS अफसरों की तुलना में ये लोग किस तरह से केंद्र में पदस्थ सीनियर अफसरों से कोआर्डिनेट करते। न तो ऐसे अफसरों का अनुभव काम आता, न ही सीनियरिटी। ऐसे में मध्यप्रदेश के हित में क्या लाइजनिंग होती समझा जा सकता है। प्रशासन ने इस आदेश को फिर से बदल दिया है। अब IAS और IFS अधिकारियों के ये जिम्मेदारी दे दी गई है साथ ही इन अफसरों को छोटे कर्मचारी रिपोर्ट करेंगे।
अब इन अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
'द सूत्र' की खबर के बाद सरकार ने आदेश वापस लिया। अब आईएएस अनिरुद्ध मुकर्जी, आवासीय आयुक्त, आईएफएस बिन्दु शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन विभाग, नई दिल्ली और आईएएस प्रकाश उन्हाले, अपर आवासीय आयुक्त लाइजनिंग करेंगे। अनिरुद्ध मुकर्जी को संयुक्त आयुक्त नीरू शर्मा, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी महेश गुलाटी, संयुक्त संचालक संजय सक्सेना और सहायक संचालक जाकिया रूही रिपोर्टिंग करेंगी। वहीं, बिंदु शर्मा को सहायक यंत्री रेहाना बेग, सहायक यंत्री एकता शर्मा, उपयंत्री रूपल कौशल और प्रभारी उपमुख्य महाप्रबंधक बीएन तिवारी रिपोर्टिंग करेंगे। इसके साथ ही प्रकाश उन्हाले को संपर्क अधिकारी संगीता चावला, संपर्क सहायक मोनिका दीक्षित, ब्रांच मैनेजर सीके प्रिंस, रेसीडेंट इंजीनियर रीता हल्दार और रेसीडेंट मैनेजर देवेंद्र राय रिपोर्ट करेंगे।
ये अधिकारी छूटे
चार अधिकारियों को इस जिम्मेदारी से छोड़ा गया है। इनमें रश्मि अरुण शमी, विशेष आवासीय आयुक्त, ए साई मनोहर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सचिन शर्मा, संयुक्त आवासीय आयुक्त और रीता हलदर, महाप्रबंधक मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड हैं।
क्या है लाइजनिंग
केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य और संवाद बना रहे इसके लिए हर राज्य अनुभवी अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंपता है। सामान्य भाषा में इसे अपने प्रदेश की तरफ से केंद्र के साथ लाइजनिंग करना कहा जाता है, ताकि अपने स्टेट का पक्ष ठीक तरीके से रखा जा सके। इसीलिए दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन के माध्यम से एमपी के अफसर भी यह काम करते आ रहे हैं। इसके लिए IAS, IPS और IFS अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंपी जाती है। मगर ज्यादा काम का हवाला देकर अब यह काम दिल्ली में पदस्थ तृतीय श्रेणी के अधिकारी करेंगे।
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