एक ही परिवार से उठी 4 अर्थियां, अंतिम संस्कार करने वाला भी कोई नहीं बचा, गांव में गम का माहौल
रीवा जिले के मऊगंज में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसे में बल्कर ट्रक ने ऑटो को ओवरटेक करते हुए पलट कर कुचल दिया। इसमें सात लोग जान गंवा बैठे, जिनमें पिता, बेटे और पोते सहित तीन पीढ़ियों की मौत हो गई। एक ही परिवार में इतनी बड़ी त्रासदी से शोक की लहरहै।
MP News : मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें एक बल्कर ट्रक ने ऑटो को ओवरटेक करते हुए पलट कर उसे कुचल दिया। इस हादसे में ऑटो सवार सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। हादसे में पिता, बेटे और पोते सहित तीन पीढ़ियों की एक साथ मौत हो गई, जिससे एक ही परिवार में गहरा शोक फैल गया है।
गंगा दशहरा के दिन हुए हादसे से गांव में मातम
गंगा दशहरा के दिन घटित हुआ यह हादसा गांव के लिए एक काले दिन के समान था। रामजीत जयसवाल, उनकी पत्नी पिंकी और उनके बेटे शिवम के अलावा, रामजीत के पिता हीरालाल जयसवाल और उनकी बहन के बच्चे मानवी और अरविंद भी इस हादसे में मारे गए। गांव के श्मशान घाट पर शुक्रवार दोपहर 12 बजे चारों का अंतिम संस्कार हुआ।
पिता-बेटे, पोते की एक साथ मौत ने घर को तोड़ दिया। चंद्र जायसवाल ने बताया कि मृतकों के छोटे भाई दीपक जायसवाल ने सभी का अंतिम संस्कार किया। तीन अलग-अलग चिताएं सजाई गईं, जिन पर क्रमश: रामजीत के पिता, बेटे और पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया।
रामजीत जयसवाल, पत्नी पिंकी और बेटी अंबिका के साथ ऑटो में यात्रा कर रहे थे, लेकिन अब घर में कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं बचा है। रामजीत की बहन की सास गीता जयसवाल, पोते-पोती को खोने के बाद पूरी तरह से टूट चुकी हैं। वह अब खाना-पीना छोड़ चुकी हैं और बोलना भी मुश्किल हो गया है।
स्थानीय लोगों ने हादसे के पीछे आरटीओ की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि चार सीटों वाली ऑटो में 10 लोग सवार थे, जो प्रयागराज से गंगा स्नान करके रीवा की ओर लौट रहे थे। इस रूट से हर वाहन को आरटीओ की चेक पोस्ट से गुजरना होता है, लेकिन इस बार उन्हें रोका नहीं गया।
इस हादसे के कारण सोहागी घाटी से टोल प्लाजा तक तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। पुलिस प्रशासन ने आधे घंटे की कड़ी मेहनत के बाद जाम को हटवाया।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया
CM डॉ. मोहन यादव ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
त्योंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने सडक़ों की डिजाइन को दोषी ठहराया और कहा कि इस रोड को सुधारने के लिए पहले ही 32 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जा चुकी थी, लेकिन सुधार के प्रयास अब तक नहीं किए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सडक़ों की डिजाइन ठीक नहीं थी, तो इसे कैसे पास किया गया?