एप्पल प्रोडक्ट के शौकीन... टीकमगढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश एचएस सिसोदिया निलंबित

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश हितेन्द्र सिंह सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगे हैं। कोर्ट का खाता निजी बैंक में स्थानांतरित करने, महंगे गैजेट्स की मांग करने और न्यायिक फैसलों में अनुचित लाभ देने के आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।

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Neel Tiwari
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judge HS Sisodia

Photograph: (thesootr)

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न्यायाधीश सिसोदिया निलंबित: मध्यप्रदेश न्यायपालिका से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। टीकमगढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश हितेन्द्र सिंह सिसोदिया पर लगे गंभीर आरोप सिद्ध होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर विजिलेंस जांच हुई और आखिरकार उन्हें पद से रिलीव कर दिया गया। जिला अभिभाषक संघ, टीकमगढ़ द्वारा प्रस्तुत शिकायतों में बैंक खातों के स्थानांतरण से लेकर महंगे गैजेट्स लेने और अधिवक्ताओं व कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार तक कई संगीन मुद्दे उठाए गए थे।

सरकारी बैंक से निजी बैंक में खाता स्थानांतरित 

शिकायत के मुताबिक जज एचएस सिसोदिया ने जिला न्यायालय का बैंक खाता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से हटाकर निजी बैंक आईडीबीआई में स्थानांतरित किया। आरोप है कि इस प्रक्रिया में उन्होंने अनुचित लाभ उठाया और बैंक प्रबंधन पर दबाव बनाया।

एप्पल की घड़ी और इयरबड्स की मांग

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर से जज ने महंगे गैजेट्स की मांग की। लगभग 24 हजार रुपए की एप्पल की घड़ी और करीब 23 हजार रुपए के एप्पल इयरबड्स उनके कहने पर खरीदे गए और इसका भुगतान मैनेजर के क्रेडिट कार्ड से कराया गया। इस आरोप ने पूरे मामले को और भी गंभीर बना दिया है।

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फैसलों में अनुचित लाभ देने का भी आरोप

शिकायत पत्र में आरोप है कि कुछ मामलों जैसे जमानत याचिका, पुनरीक्षण याचिका और आपराधिक अपील में न्यायाधीश ने अनुचित लाभ लेकर फैसलों को प्रभावित किया। वहीं, स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को आमंत्रित न करना और लोक अदालत पैनल से वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नाम हटवाना भी विवाद का कारण बना।

इसके साथ ही जज सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने न्यायालय के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर दबाव बनाया, बार-बार तबादले किए और उनसे अनुचित लाभ लिया। यहां तक कि एक कर्मचारी को उनके परिवार के साथ ग्वालियर में रखा गया, जबकि उसकी उपस्थिति टीकमगढ़ में दर्ज होती रही।

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हाईकोर्ट ने बैठाई थी विजिलेंस की जांच

जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत को मुख्य न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष रखा गया। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए दमोह जिला न्यायालय के विजिलेंस जज से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में आरोपों को गंभीर पाया गया, जिसके बाद जज को पद से रिलीव कर दिया गया।

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जज सैयाम पर भी कार्यवाही की चर्चा

टीकमगढ़ बार काउंसिल अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने यह भी बताया कि एक अन्य जज सैयाम पर भी कार्यवाही की गई है, हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक आदेश सामने नहीं आया है। आपको बता दें कि इस तरह की कार्यवाही के आदेश कॉन्फिडेंशियल होते हैं और वह आरोपी सहित शिकायतकर्ता को ही दिए जाते हैं। आमतौर पर यह आदेश पोर्टल पर अपलोड नहीं होते।

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