BHOPAL धान खरीदी में गड़बड़झाले और वेयरहाउसों से करोड़ों की धान गायब होने के बाद अब मध्यप्रदेश में धान परिवहन घोटाला सामने आया है। गड़बड़ी की आशंका के चलते कराई गई जांच में करोड़ों की धान की ढुलाई ट्रकों की जगह ऑटो रिक्शा और स्कूटरों से कराने की जानकारी लगी है। यानी विभाग के मैदानी अमले ने परिवहन की आड़ में ट्रकों की जगह छोटे वाहनों के नंबरों की एंट्री कर लाखों रुपए का खर्च दर्शाया है। महाकौशल अंचल में धान परिवहन घोटाले की पुष्टि के बाद प्रशासन द्वारा मिलर्स को नोटिस जारी करते हुए अपराध दर्ज कराया है।
परिवहन की आड़ में घोटाला
मध्यप्रदेश में बीते महीनों में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कराई गई थी। ये धान केंद्रों से वेयर हाउसों में रखवाया गया था जिसे मांग के आधार पर जबलपुर सहित महाकौशल अंचल से दूसरे जिलों में भेजा गया है। इसके लिए राइस मिलर्स और प्रशासिनक मशीनरी से जुड़े कर्मचारियों द्वारा परिवहन की व्यवस्था की गई थी। धान घोटाला के बाद अब प्रशासन परिवहन में हुई गड़बड़ी को खंगाल रहा है।
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स्कूटर-रिक्शा को बताया ट्रक
परिवहन में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद गुपचुप की गई जांच में पता चला है कि धान के परिवहन के लिए जिन वाहनों का उपयोग किया गया है उनके नंबर सरकारी रिकॉर्ड में गलत दर्ज किए गए हैं। पड़ताल में सामने आया है कि जिन वाहनों को ट्रक बताया गया है वे हाइवा, ऑटो रिक्शा और स्कूटर थे। वाहनों के नंबरों से भ्ज्ञी इसकी पुष्टि हुई है। धान परिवहन के नाम पर लाखों रुपए की घपले की आशंका को देखते हुए इसकी जांच एसडीएम स्तर के राजस्व अधिकारी को सौंपी गई है।
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40 राइस मिलर्स को नोटिस
महाकौशल अंचल के 40 राइस मिलर्स को भी इस संबंध में नोटिस जारी कर जवाब तलब किए गए हैं। वहीं इस गड़बड़झाले में जबलपुर में अपराध भी दर्ज कराया गया है। वहीं प्रशासन के हरकत में आने के बाद कटंगी के एक वेयर हाउस में धान में आग लगने की घटना ने भी अधिकारियों की आशंका को बढ़ा दिया है। जिस वेयर हाउस में रखी धान जली है उसकी खरीदी करने वाली सहकारी समिति पर पहले से ही सवा करोड़ की धोखाधड़ी की जांच जारी है। इस खरीद केंद्र के प्रभारी और समिति प्रबंधक भी फरार हो गए हैं।
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