यूका के कचरे का पीथमपुर में ट्रायल रन आज से ही, सुप्रीम कोर्ट से नहीं लगी रोक

यूनियन कार्बाइड (यूका) के कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया गुरुवार, 27 फरवरी से शुरू होने जा रही है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

author-image
Sanjay Gupta
एडिट
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

यूनियन कार्बाइड यानी यूका के कचरे पर गुरुवार यानी 27 फरवरी आज से ही कचरे का ट्रायल रन शुरू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगी याचिका खारिज कर दी है और आदेश दिए हैं कि इस मामले में याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाएं और अपनी शिकायतों को रखें। स्टे नहीं होने के बाद अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश के रहत 10 मीट्रिक टन कचरे का ट्रायल रन की तैयारी शुरू कर दी है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि कलेक्टर और एसपी धार मौके पर जा रहे हैं और हाईकोर्ट के आदेश के तहत ट्रायल रन की प्रक्रिया आज से ही होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा सुनवाई के दौरान

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता देवदत्त कामथ और अधिवक्ता रितम खरे ने बात रखी और कहा कि पूरी स्टडी आज तक नहीं की गई है कि इससे कितना प्रदूषण होगा। वहीं इंटरविनर की अधिवक्ता जयश्री नरसिम्हन ने कहा कि हाईकोर्ट में गलत पत्र देकर शासन ने ट्रायल रन की सहमति दी है। हमने शपथ पत्र पेश किए हैं कि यह पत्र गलत हैं। वहीं लोकल बॉडी से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि इस मामले को फिर से आप हाईकोर्ट में रखिएगा, हाईकोर्ट ही इसमें सुनवाई करेगा। 

खबर यह भी...

यूका कचरे में शासन ने क्या झूठे पत्रों से ली ट्रायल रन की मंजूरी, SC में आए शपथपत्र

कमेटी की रिपोर्ट सही

शासन के अधिवक्ता नचिकेत जोशी ने कहा कि जून 2023 को केंद्र और राज्य की हाईपावर कमेटी ने इस कचरे को पीथमपुर में जलाने को उपयुक्त पाया था और इसी के निर्देश के अनुसार पूरी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। वहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा कि इस कमेटी में देश की जानी मानी संस्थाओं के विशेषज्ञ हैं, ऐसे में इस पर सवाल उठाने की कोई वजह नहीं है। शासन ने पूर्व में हुए ट्रायल रन की रिपोर्ट का भी हवाला दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट इस मामले को मॉनिटर कर रहा है तो फिर सुप्रीम कोर्ट को मॉनिटर करने की जरूरत नहीं है। दो-दो कमेटी नहीं बना सकते हैं, जो भी शिकायतें हैं फिर से हाईकोर्ट में रखिएगा। 

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया था

इसके पहले 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा 18 फरवरी को सुनवाई कर ट्रायल रन के आदेश पर नाराजगी जाहिर की और कहा था जब मामला सुप्रीम कोर्ट में था तो हाईकोर्ट को आगे नहीं बढ़ना चाहिए था। साथ ही सभी पक्षकारों के पक्ष, विशेषज्ञों की रिपोर्ट 27 फरवरी को बुलाई थी। इसके बाद उम्मीद जागी थी कि ट्रायल रन रुकेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट सभी को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।

खबर यह भी...यूका कचरा पर सुप्रीम कोर्ट आदेश- सभी विशेषज्ञों की रिपोर्ट से बताइए, सावधानी के सबूत दीजिए

पीथमपुर में हलचल

उधर पीथमपुर बचाओ समिति व अन्य आंदोलनकारियों के बीच हलचल तेज हो गई है। अब वह शासन से मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पहले हाईकोर्ट हमारी बात सुन ले, तब तक रोक लगाई जाए। लेकिन इसमें अब कुछ रुकने वाला जैसा मामला नहीं दिख रहा है। प्रशासन कचरा ट्रायल रन 27 फरवरी से ही करेगा। हाईकोर्ट के आदेश से फिर चार मार्च से 10 मीट्रिक टन का दूसरा लाट और फिर 10 मार्च से 10 मीट्रिक टन और कचरा जलेगा। फिर इस 30 मीट्रिक टन की रिपोर्ट 27 मार्च को हाईकोर्ट में पेश होगी।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश MP High Court MP News यूका कचरा जलाने का विरोध union carbide यूनियन कार्बाइड का कचरा सुप्रीम कोर्ट pithampur union carbide यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का मामला यूका