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Indore. यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर के रामकी संयंत्र में जलाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगी याचिका पर मंगलवार को पांच मिनट सुनवाई हुई। यह सुनवाई याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा मेंशन लिए जाने और बेंच का ध्यान अर्जेंट मैटर पर दिलाए जाने के चलते हुई। इस सुनवाई का औपचारिक आदेश आ गया है जिसमें 27 फरवरी को इसे पहले चरण में सुनवाई की बात कही गई है। हालांकि औपचारिक तौर पर आदेश में 27 फरवरी से हाईकोर्ट के आदेश से ट्रायल रन पर रोक नहीं लगी है लेकिन मौखिक तौर पर साफ कह दिया है कि पहले शासन कई बातों के सबूत हमे पेश करे, फिर आगे बढ़े। इससे पीथमपुर क्षेत्र को उम्मीद जगी है कि ट्रायल रन पर रोक लगेगी।
जस्टिस मसीह ने यह कहा
न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह सहित पीठ ने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय को यह विश्वास दिलाया राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि उसकी कार्रवाई से लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को कोई खतरा नहीं होगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई ने राज्य सरकार को संबोधित करते हुए कहा, "हम 27 फरवरी को मामले की सुनवाई करेंगे। आप (मध्य प्रदेश राज्य) विशेषज्ञों से हमें यह बताइए कि आपने पर्याप्त सावधानी बरती है और इसके लिए सबूत भी पेश कीजिए।
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हाईकोर्ट के आदेश से खुश नहीं थी बेंच
न्यायमूर्ति बीआर गवई ने टिप्पणी की, "यह जानते हुए कि हम इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं, उच्च न्यायालय, जबलपुर को इस पर रोक लगा देनी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हाईकोर्ट के ट्रायल रन के आदेश के पहले ही केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश राज्य और राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को औपचारिक नोटिस भी जारी कर 24 फरवरी को जवाब मांग चुका था। इसे सुनवाई को 27 फरवरी रखा जाता है और हाईकोर्ट को सूचित किया जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे रखा है। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्रा के अधिवक्ता रितम खरे ने बताया कि 27 फरवरी को पहले नंबर पर केस की सुनवाई रखी गई है।
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हम तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे
न्यायमूर्ति गवई ने मध्य प्रदेश के राज्य के वकील को संबोधित करते हुए कहा कि अदालत तब तक हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है जब तक कि कचरे का परिवहन और डंपिंग पीथमपुर की स्थानीय आबादी के लिए खतरा नहीं हो।
इसी दिन से होना है ट्रायल रन
हाईकोर्ट के 18 फरवरी को दिए गए आदेश के तहत 27 फरवरी से ही रामकी संयंत्र में कचरा जलाने का ट्रायल रन होना है। 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण होगा, फिर 4 मार्च से 10 मीट्रिक टन और ट्रायल रन, फिर 10 मार्च से तीसरे चरण में फिर 10 मीट्रिक टन। इस तरह कुल 30 मीट्रिक टन कचरे का ट्रायल रन होकर रिपोर्ट हाईकोर्ट में 27 मार्च को पेश होना है।
इसके पहले सोमवार को होना थी सुनवाई
समाजसेवी चिन्मय मिश्रा द्वारा लगाई गई जनहित याचिका पर सोमवार 24 फरवरी को सुनवाई होना थी, लेकिन सुनवाई टल गई। याचिकाकर्ता ने इसमें जल्द सुनवाई के लिए लिस्टिंग पर लेने का आवेदन किया था। यदि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे नहीं हुआ तो फिर हाईकोर्ट के ताजा आदेश के तहत 27 फरवरी से पीथमपुर में कचरा जलना तय है।