यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर के रामकी संयंत्र में जलाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका मंगलवार ( 25 फरवरी ) को मेंशन पर रही। इसमें जस्टिस बीआर गवई ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसे सुनवाई को 27 फरवरी रखा जाता है और हाईकोर्ट को सूचित किया जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे रखा है। इससे लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इसमें 27 फरवरी को विस्तार से सुनवाई करते हुए इसमें अंतरिम निर्देश जारी कर सकता है। याचिकाकार्ता चिन्मय मिश्रा ने इसमें हाईकोर्ट के 3 दिसंबर के कचरा जलाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे पीथमपुर और आसपास का वातावरण जहरीला हो जाएगा। पर्याप्त स्टडी किए बिना यह निस्तारण हो रहा है, जो गलत है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रितम खरे ने बताया कि 27 फरवरी को पहले नंबर पर केस की सुनवाई रखी गई है।
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इसी दिन से होना है ट्रायल रन
हाईकोर्ट के 18 फरवरी को दिए गए आदेश के तहत 27 फरवरी से ही रामकी संयंत्र में कचरा जलाने का ट्रायल रन होना है। 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण होगा, फिर 4 मार्च से 10 मीट्रिक टन और ट्रायल रन, फिर 10 मार्च से तीसरे चरण में फिर 10 मीट्रिक टन। इस तरह कुल 30 मीट्रिक टन कचरे का ट्रयल रन कर, रिपोर्ट हाईकोर्ट में 27 मार्च को पेश करनाे है।
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इसके पहले सोमवार को होनी थी सुनवाई
समाजसेवी चिन्मय मिश्रा द्वारा लगाई गई जनहित याचिका पर सोमवार 24 फरवरी को सुनवाई होना थी, लेकिन सुनवाई टल गई। याचिकाकर्ता ने इसमें जल्द सुनवाई के लिए लिस्टिंग पर लाने का आवेदन किया था। यदि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे नहीं हुआ तो फिर हाईकोर्ट के ताजा आदेश के तहत 27 फरवरी से पीथमपुर में कचरा जलना तय है।
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