Indore. यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर के रामकी संयंत्र में जलाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया है। समाजसेवी चिन्मय मिश्रा द्वारा लगाई गई एसएलपी पर सोमवार को सुनवाई हुई जिसमें केंद्र और मप्र सरकार को नोटिस जारी हुए हैं और दोनों से एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
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यह हुआ केस में
मिश्रा की ओर से अधिवक्ता डॉक्टर सर्वम रितम खरे ने बताया इस केस (एसएलपी 3661/2025) में हाईकोर्ट जबलपुर के उस आदेश को चैलेंज किया गया है जिसमें यूका का कचरा पीथमपुर में निपटान का आदेश दिया हुआ है। इस पर रोक की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामट भी इस केस में हैं।
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उधर हाईकोर्ट में 18 फरवरी को सुनवाई
उधर हाईकोर्ट द्वारा 6 जनवरी को की गई सुनवाई के बाद अगली तारीख 18 फरवरी लगी थी। इसमें मप्र शासन फिर से रिपोर्ट पेश करेगा और इसमें अभी तक की स्थिति बताएगा। दो दिन पहले ही जिला प्रशासन ने भोपाल से 12 कंटेनरों में आए 337 मीट्रिक टन कचरे को ट्राले से उतारा था और कंटेनर अलग रखे गए। लेकिन अभी कचरे को खोला नहीं गया है और वह पूरी सुरक्षा में रखा गया।
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हाईकोर्ट में लगी हुई है आपत्तियां
इस केस को लेकर पीथमपुर में कचरा जलाने के विरोध में 6 जनवरी को भी कुछ पक्षकारों ने आपत्ति दर्ज कराई है और कुछ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर तर्क रखे हैं कि पहले इन रिपोर्ट का विशलेषण कर लिया जाए। इस जहरीले कचरे के वहां जलने से वातावरण काफी प्रदूषित होगा और आगे नुकसान होगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में मप्र शासन को विचार करने के लिए कहा था। उधर पीथमपुर में अभी भी पीथमपुर बचाओ समिति द्वारा विरोध जारी है।
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