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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक आदिवासी महिला सरपंच और उनके पति ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। दोनों रोते हुए सिंधिया के पैरों में गिर पड़े और न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने अपने दर्द को कागजों पर लिखकर केंद्रीय मंत्री को सौंपा। इसमें अधिकारियों और कानून पर सवाल उठाए गए हैं।
सरपंच ने लगाया आरोप
बता दें कि कुसमा बाई, जो विशेष पिछड़ी सहरिया जनजाति से हैं, उन्होंने बताया कि वह अशिक्षित हैं। इसके चलते ग्राम पंचायत सचिव मस्तराम धाकड़ ने उन्हें कागजों पर अंगूठा लगाने के लिए दबाव डाला। सरपंच ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर सचिव ने उन्हें पद से हटवाने की धमकी दी और पंचायत के पंचों को डरा-धमकाकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया।
कानून और अधिकारियों पर सवाल उठाती सरपंच
कुसमा बाई का कहना है कि सचिव की राजनीति में पकड़ के कारण उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अब लगता है कि कानून और अधिकारी केवल बड़े लोगों के कहने पर ही काम करते हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से एक महीने का समय मांगा, ताकि उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समाधान किया जा सके।
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सिंधिया से मिले अपहृत बच्चे शिवाय गुप्ता के परिजन
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार ( 23 फरवरी ) को ग्वालियर में छह साल के बच्चे शिवाय गुप्ता से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि शिवाय ने इतनी कम उम्र में जो साहस दिखाया, वह प्रेरणादायक है। बता दें कि शिवाय का अपहरण 13 फरवरी को मुरार की सीपी कॉलोनी में हुआ था, जिसे पुलिस ने जल्द ही खोज लिया था।
सिंधिया का वादा और परिवार से वीडियो कॉल
शिवाय के मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने परिवार से वीडियो कॉल पर बातचीत की और वादा किया कि वह जल्द ही शिवाय से मिलने उनके घर आएंगे। मंत्री ने कहा कि यह बच्चा बड़े होकर प्रदेश का नवरत्न बनेगा।
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