बंद होगा ट्रस्ट क्लीनिक, निशुल्क उपचार से वंचित हो जाएंगे गैस पीड़ित

गैस त्रासदी पीड़ित परिवारों को ट्रस्ट क्लीनिक की ओर से मिलने वाली निशुल्क उपचार की व्यवस्था नए साल में बंद हो जाएगी। क्लीनिक चलाने वाले संभावना ट्रस्ट ने इसकी घोषणा भी कर दी है।

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Sanjay Sharma
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गैस त्रासदी पीड़ित परिवारों को ट्रस्ट क्लीनिक की ओर से मिलने वाली निशुल्क उपचार की व्यवस्था नए साल में बंद हो जाएगी। क्लीनिक चलाने वाले संभावना ट्रस्ट ने इसकी घोषणा भी कर दी है। बीते 28 साल से दुनियाभर से मिलने वाली आर्थिक मदद से ट्रस्ट द्वारा भोपाल में निशुल्क क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। प्रबंधन का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत पंजीकरण लंबित है। उनके पास बजट की कमी हो गई है और इसी वजह से वे क्लीनिक बंद करने मजबूर हैं। 

लाखों लोग अब बीमारी की चपेट में

यूनियन कार्बाइड से हुए गैस रिसाव की वजह से हजारों लोगों की मौत होने के बाद लाखों लोग अब बीमारी की चपेट में हैं। ऐसे परिवारों को बीएमएचआरसी अस्पताल में ही इससे संबंधित बीमारियों से उपचार की सुविधा उपलब्ध है। करीब 28 साल पहले संभावना ट्रस्ट द्वारा बैरसिया रोड स्थित काजी कैंप क्षेत्र में निशुल्क क्लीनिक की शुरूआत की थी। गैस पीढ़ित परिवारों का उपचार कर रहा अस्पताल आर्थिक तंगी  के चलते चार दिन बाद यानी 1 जनवरी से बंद हो जाएगा। इसकी घोषणा क्लीनिक चलाने वाले संभावना ट्रस्ट के प्रबंधक न्यासी हरिप्रसाद जोशी ने की है। क्लीनिक पर सूचना भी चस्पा कर दी गई है। 

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37 हजार लोग अपना इलाज करा चुके हैं

ट्रस्ट के न्यासी हरिप्रसाद जोशी का कहना है क्लीनिक में 37 हजार लोग अपना इलाज करा चुके हैं। यहां चार डॉक्टर और सहयोगी कर्मचारी काम करते हैं। जिनके वेतन का खर्च ट्रस्ट उठाता आ रहा है। हजारों मरीजों के उपचार के साथ ही क्लीनिक से गैस पीड़ितों को दवाएं भी मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है। ट्रस्ट हर साल 4 करोड़ रुपए खर्च करता आ रहा है। क्लीनिक इसी आर्थिक मदद से हो रहा है। अब तक ट्रस्ट को 45 देशों के 30 हजार से ज्यादा लोग गैस पीड़ितों के उपचार के लिए मदद दे चुके हैं। साल 2019 में ट्रस्ट का FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था। फरवरी 2023 में ट्रस्ट ने FCRA रजिस्ट्रेशन का आवेदन किया था जो अब भी अटका हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन अटकने और फंड नहीं मिलने से क्लीनिक बंद करने का निर्णय लिया गया है। हांलाकि ट्रस्ट प्रबंधक हरिप्रसाद जोशी ने रजिस्ट्रेशन होने पर फिर क्लीनिक शुरू करने की संभावना जताई है।

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तो अब सरकारी मदद का ही भरोसा

संभावना क्लीनिक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी उन परिवारों को होगी जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं। ये परिवार चिकित्सकीय मदद के साथ ही निशुल्क दवाओं के लिए भी ट्रस्ट क्लीनिक पर निर्भर थे। इनमें से कई परिवार तो बीते 28 सालों से ही इस क्लीनिक से जुड़े हुए हैं। वहीं क्लीनिक द्वारा यहां काम करने वाले कर्मचारियों की मदद से स्वास्थ्य सर्वे के जरिए गैस पीड़ितों परिवारों की समस्याओं को सामने भी लाता रहा है।

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