Indore bawadi accident : बावड़ी हादसे में 36 मौत की जिम्मेदारी ट्रस्ट अध्यक्ष, सचिव ने नगर निगम पर डाली

निगम ने पहले भी मंदिर ट्रस्ट को बावड़ी पर बने निर्माण को हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी ट्रस्ट ने वहां आयोजन किया और रहवासियों को बुलाया। इसके बाद हादसे में लोगों की जान गई। 

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Pratibha ranaa
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Indore bawadi accident

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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में 30 मार्च 2023 रामनवमी के दिन हुए बावड़ी हादसे ( Indore bawadi accident ) में हुई 36 मौतों के आरोप में गिरफ्तार मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी की जमानत याचिका खारिज हो गई है। लेकिन इस दौरान कोर्ट में दोनों आरोपियों ने यह भी कहा कि इस हादसे के जिम्मेदार हम नही नगर निगम है।

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कोर्ट में आरोपियों ने निगम पर इस तरह लगाए आरोप

कोर्ट में आरोपियों की ओर से अधिवक्ता ने तर्क रखे कि मंदिर की बेहतर व्यवस्था के लिए रहवासियों ने आपस में तय कर सितंबर 2017 में ट्रस्ट का गठन किया। ट्रस्ट गठन के पांच साल बाद मंदिर जीर्णोद्धार का फैसला हुआ और उस दौरान ही बावड़ी का पता चला। इस पर स्लैब 30 साल पहले डली थी। इस बावड़ी की जानकारी नगर निगम को दे दी गई थी, लेकिन निगम ने बावड़ी की मजबूती जानने के लिए कोई जांच नहीं की। वहीं अपने कृत्य छिपाने के लिए इंदौर पुलिस प्रशासन के माध्यम से मंदिर ट्रस्ट और हम पर डाली जा रही है। 

अपने कृत्य छिपाने बावड़ी को भी बंद कर सबूत नष्ट कर दिए

आरोपियों ने यह भी आरोप लगाए कि निगम ने अपने कृत्य छिपाने के लिए बावड़ी को भी बंद कर दिया, इसमें मंदिर के सभी रिकार्ड और सामान डालकर बंद कर दिया। निगम अपने पुराने काम छिपाने और अपने अधिकारियों को बचाने के लिए यह सभी झूठे आरोप लगाते हुए, हम पर यह आरोप डालकर बच रहा है। 

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कार्यक्रम में तो जनप्रतिनिधि भी आते रहे हैं

यह भी आरोपियों द्वारा कहा गया कि निगम द्वारा ही स्लैब की मजबूती जांची जा सकती थी, यह ट्रस्ट नहीं कर सकता था। कार्यक्रम में तो रहवासियों के साथ वहां जनप्रतिनिधि भी आते रहे हैं और सभी के सहयोग से ही आयोजन होते थे। हम पर यह झूठे आरोप लगाए गए हैं। 

कोर्ट ने कहा स्लैब की मजबूती सामान्य बुद्धि का विषय था 

वहीं पुलिस ने कहा कि निगम ने पहले भी मंदिर ट्रस्ट को बावड़ी पर बने निर्माण को हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी ट्रस्ट ने वहां आयोजन किया और रहवासियों को बुलाया। इसके बाद हादसे में लोगों की जान गई। उधर कोर्ट ने मामले को गंभीर प्रवृत्ति का माना और इसमें अधिक जन हानि होने से जमानत याचका खारिज कर दी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बावड़ी पर स्लैब डली थी, छत बनाई गई। यह सामान्य बुद्धि का विषय है कि इस पर अधिक वजन नहीं रखा जा सकता है। निर्माण हटाने के लिए निगम ने पत्र जारी किए थे। वैसे भी ट्रस्ट गठन का उद्देश्य मंदिर का रखरखाव करना, पुननिर्माण करना, संचालन करना, धार्मिक व परामार्थिक काम करना है। घटना के दौरान यह ट्रस्ट में पद पर थे। इसलिए जमानत खारिज की जाती है।

इंदौर बावड़ी हादसा Indore Bawadi Accident