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बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार की योजना को किसान विरोधी बताकर इसपर विचार करने के लिए कहा है। दरअसल मध्य प्रदेश के उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन होना है। इस भव्य आयोजन के लिए राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण की योजना बना रही है। 17 मार्च, 2025 को सरकार ने नगर और ग्राम निवेश अधिनियम (T&CP) कानून में संशोधन का बिल विधानसभा में पेश किया। जिसके तहत आधी जमीन सरकार डेवलमेंट के लिए यूज करेगी और अधिग्रहित जमीन का आधा हिस्सा विकसित कर किसानों को वापस दिया जाएगा।
अस्थाई रूप से हो अधिग्रहण: चिंतामणि
उज्जैन से बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय इस फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि जमीन को स्थायी रूप से अधिग्रहित करने के बजाय अस्थायी रूप से लिया जाए। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया है।
विधायक चिंतामणि मालवीय का विरोध
बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने इस योजना को किसान विरोधी बताया है। उनका कहना है कि सिंहस्थ मेला आमतौर पर टेंट और तंबू में आयोजित किया जाता है। ऐसे में स्थायी निर्माण की कोई जरूरत नहीं है। किसान केवल अस्थायी रूप से अपनी जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन स्थायी रूप से भूमि अधिग्रहण के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि किसानों के हित सुरक्षित रह सकें।
विधायक अनिल जैन बोले-किसान हित में है योजना
उज्जैन उत्तर से बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र उनकी विधानसभा में आता है और यह योजना पूरी तरह किसान हित में है। सरकार जो भी निर्णय ले रही है, वह उज्जैन के विकास को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इस योजना से करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी और स्थायी ढांचे से भविष्य के आयोजनों में भी लाभ मिलेगा।
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किसानों की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर किसानों की मिली जुलि प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ किसान इस योजना से संतुष्ट हैं, क्योंकि उन्हें विकसित भूमि वापस मिलने का आश्वासन दिया गया है। वहीं, कुछ किसानों का कहना है कि वे अपनी पैतृक भूमि स्थायी रूप से नहीं देना चाहते। सरकार अस्थाई रूप से अधिग्रहण करे और इसपर फिरसे विचार करे
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