उज्जैन में कार किराए पर देने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। आरोपी सरकारी विभाग में वाहन अटैच करने का झांसा देकर लोगों से कार किराए पर लेते थे। शुरुआत में कुछ महीनों तक किराया देकर भरोसा जीतते थे। इसके बाद कारों को गिरवी रखकर उस पैसे से लग्जरी लाइफ जीते थे। ठगों ने इस काम के लिए कई दलालों को काम पर लगा रखा था।
सरकारी विभाग में कार अटैच करने का दिया लालच
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के अनुसार, नानाखेड़ा थाना पुलिस को इस मामले में शिकायत मिली थी। शिवम पवार नामक व्यक्ति ने बताया कि उसने अपनी कार सरकारी विभाग में अटैच कराने के लिए जगदीश परमार से अनुबंध किया था। शुरू में तय समय पर भुगतान हुआ, लेकिन बाद में किराया देने से इनकार कर दिया गया।
10 हजार का इनामी गिरफ्तार
जब पीड़ित ने अपनी कार वापस मांगी, तो आरोपी ने टालमटोल शुरू कर दी। इसके बाद कार मालिक ने पुलिस से शिकायत की। जब पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि कई अन्य लोग भी इसी ठगी के शिकार हुए थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया और उसे पकड़ लिया।
गिरवी रखने के लिए रखे थे दलाल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने कारों को गिरवी रखने के लिए दलालों की मदद ली थी। आरोपी 10 लाख की कार को मात्र 2 लाख में गिरवी रखकर ऐश करता था। पुलिस को इस मामले में एक और आरोपी लाड सिंह की तलाश है, जो मुख्य आरोपी का सहयोगी बताया जा रहा है।
21 कारें बरामद
नानाखेड़ा थाना प्रभारी नरेंद्र यादव ने बताया कि आरोपी के पास से 21 कारें बरामद की गई हैं। पुलिस अब अन्य पीड़ितों की भी पहचान कर रही है, जो इस गिरोह के शिकार हुए। इस मामले में आगे भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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