प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 महीने पहले वर्चुअल माध्यम से उज्जैन रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिए भूमि पूजन किया था। 421 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस हाईटेक स्टेशन को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस किया जाना था, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे अधिकारियों के बीच चल रही खींच-तान के कारण अब तक स्टेशन का काम शुरू नहीं हो सका है।
नागदा रेलवे स्टेशन का काम 50% पूरा
उज्जैन के पास स्थित नागदा रेलवे स्टेशन का काम लगभग 50% तक पूरा हो चुका है। वहीं, उज्जैन रेलवे स्टेशन पर अभी तक काम शुरू भी नहीं हुआ है। रतलाम मंडल के दूसरे 11 रेलवे स्टेशनों पर काम तेजी से जारी है। वहीं उज्जैन स्टेशन के काम में देरी की पुष्टि उज्जैन-आलोट सांसद अनिल फिरोजिया ने भी की है।
बार-बार बदला जा रहा प्लान
उज्जैन रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य में देरी का बड़ा कारण इसकी ड्राइंग का बार-बार बदला जाना है। स्टेशन को त्रिनेत्र के रूप में विकसित करने की योजना पहले रद्द कर दी गई, जिसके बाद नया प्लान तैयार किया गया है। यह योजना अभी रेलवे बोर्ड की मंजूरी का इंतजार कर रही है।
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421 करोड़ की लागत से बनेगा हाईटेक स्टेशन
उज्जैन रेलवे स्टेशन को 421 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक और हाईटेक बनाया जाएगा। इसमें विशाल रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह और लोकल प्रोडक्ट्स के लिए खास एरिया रहने जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
ग्रीन बिल्डिंग और सुरक्षा पर जोर
स्टेशन के निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग तकनीक का इस्तेमाल होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ अलग कमांड और कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। दिव्यांगजनों (persons with disabilities) के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
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