सीएम के गृह जिले का विक्रम उद्योगपुरी सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क

सीएम डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का विक्रम उद्योगपुरी सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क बन गया है। देश के 140 औद्योगिक क्षेत्रों को पीछे छोड़कर यह सम्मान हासिल किया है। पढ़ें पूरी खबर इस लेख में।

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Sanjay gupta
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vikram udhyogpuri
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सीएम डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का विक्रम उद्योगपुरी सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क बन गया है। देश के 140 औद्योगिक क्षेत्रों को पीछे छोड़कर यह सम्मान हासिल किया है। गुरुवार 21 नवंबर को इसके लिए दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सम्मानित किया गया। गोयल ने अपने उद्बोधन में इंदौर और उज्जैन में स्वच्छता और उद्योगों के लिए किए जा रहे प्रयासों की जमकर तारीफ भी की है। 

स्वच्छ औद्योगिक पार्क का अवार्ड

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम उद्योगपुरी ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए देश का सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान फिक्की (FICCI) द्वारा शुरू किए गए ‘स्वच्छ औद्योगिक पार्क’ अभियान के तहत दिया जा रहा है। इसके तहत केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 21 नवंबर को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित पुरस्कार समारोह में यह अवार्ड प्रदान किया । मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने सम्मान ग्रहण किया। 

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कुल 15 पार्क को दिया सम्मान

दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले पुरस्कार समारोह में कुल 15 औद्योगिक पार्कों को स्वच्छता के लिए सम्मानित किया गया। विक्रम उद्योगपुरी ने शीर्ष स्थान हासिल करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। दरअसल फिक्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत ‘स्वच्छ औद्योगिक पार्क’ अभियान के नाम से इस पहल को शुरू किया है। इसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है। 

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इस तरह हासिल किया अवार्ड

इसके लिए एक विस्तृत और निष्पक्ष मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई। फिक्की और पीडब्ल्यूसी ने उद्योग, थिंक टैंक और मीडिया के विशेषज्ञों के साथ मिलकर मूल्यांकन का एक ऐसा ढांचा तैयार किया, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक पार्कों को परखा गया। इसमें मुख्य रूप से पर्यावरणीय स्थिरता, कचरा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दी गई। इस अवार्ड के लिए देशभर के 18 राज्य औद्योगिक विकास निगमों से 140 औद्योगिक पार्कों ने पंजीकरण कराया। इन पार्कों के दस्तावेज ऑनलाइन जमा किए गए, जिनकी स्क्रीनिंग और मूल्यांकन के बाद चुने गए पार्कों का फिक्की की टीम की तरफ से साइट निरीक्षण भी किया गया। अंतिम चयन के लिए दस्तावेजों और साइट निरीक्षण के आधार पर अंक दिए गए, जिनका औसत निकालकर इनकी रैंकिंग तय की गई। हालांकि इस अवार्ड के लिए केवल 100 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले पार्कों को नामांकित किया गया था। 

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विक्रम उद्योगपुरी: ऐसे बना नंबर वन

विक्रम उद्योगपुरी में पर्यावरणीय स्थिरता तय करने के लिए आधुनिक जल प्रबंधन प्रणाली, हरित क्षेत्र और ऊर्जा-कुशल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं। वहीं स्वच्छता को बनाए रखने के लिए यहां के उद्योगों और श्रमिकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मप्र में पहला इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव उज्जैन में ही हुआ था और अब इस पुरस्कार ने उज्जैन और विक्रम उद्योगपुरी को औद्योगिक स्वच्छता और पर्यावरणीय जागरूकता के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव , प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह और औद्योगिक विकास निगम के निदेशक चंद्रमौलि शुक्ल ने इसे उज्जैन और पूरे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। राठौड़ ने कहा कि यह सम्मान औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और स्थिरता के प्रति एक नया मानक स्थापित करेगा और अन्य पार्कों को भी सफाई के लिए प्रेरित करेगा।

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कैसा है विक्रम उद्योगपुरी 

यह औद्योगिक क्षेत्र 1133 एकड़ में फैला है और इसे औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित किया जा रहा है। इस औद्योगिक पार्क में करीब 350 करोड़ रुपए की लागत से सड़कों, बिजली के सब स्टेशन और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ ग्रीन और स्वच्छ औद्योगिक पार्क को महत्व दिया जा रहा है। इसमें उद्योग, आवासीय कॉलोनियां और व्यावसायिक केंद्रों के लिए अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं। इसमें 102 भूखंड निकाले जाएंगे, जिसमें 77 उद्योगों को भूखंडों का आवंटन हो चुका है। यहां निवेश करने वाली कंपनियों में पंचमहल, अमूल, पेप्सिको इंडिया, वीही कमर्शियल, एमडीएच, यशोदा लिनन, फेना प्राइवेट लिमिटेड, सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स, एंजेल ओक, डीसीएम नोवेल, रिच फूड्स, इस्कॉन बालाजी, सिंबायोटेक और श्रीनिवास फार्माकेम जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां 5198.59 करोड़ का निवेश कर चुकी हैं और इससे 15060 रोजगार के अवसर मिले। इसके अलावा 31 अन्य कंपनियों से 2991 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिससे करीब 5700 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ आवासीय और व्यावसायिक सेक्टर का समन्वय इसे एक संपूर्ण शहर की तरह विकसित करने में मदद कर रहे हैं। 

उद्योगपुरी का जेम 'मेडिकल डिवाइस पार्क'

उद्योगपुरी में ही 360 एकड़ जमीन में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। यह पार्क भारत सरकार की ‘मेडिकल डिवाइस पार्क प्रमोशन योजना’ के तहत मेडिकल उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।  यहां निवेशकों को भूमि शुल्क, बिजली दरों और वित्तीय सहायता में छूट दी जा रही है। अब तक कुल 97.05 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिसमें 1855.28 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है। इससे 6908 रोजगार सृजित होने की संभावना है।

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