उमा भारती ने कहा- 75 साल में रिटायरमेंट नहीं, राजनीति में रहूंगी सक्रिय
उमा भारती ने 75 साल में रिटायरमेंट की बात को खारिज करते हुए सक्रिय राजनीति में बने रहने का ऐलान किया है। वह गंगा, गौमाता और शराबबंदी जैसे मुद्दों पर अपना संघर्ष जारी रखेंगी। उन्होंने अपने कठिन अनुभवों और नौकरशाही में शुचिता की कमी पर भी बात की।
BHOPAL. बीजेपी की फायरब्रांड नेता कहलाने वाली उमा भारती ने 75 साल में रिटायरमेंट वाली बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं उन्होंने 75 साल की उम्र में खुद के सक्रिय राजनीति से दूर रहने की बात को गलत बताया। उन्होंने राजनीति में सक्रिय रहने का ऐलान करते हुए गंगा, गौमाता और शराबबंदी पर अपना संघर्ष जारी रखने की बात कही। साथ ही, उन्होंने अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर और अफसरशाही में शुचिता की कमी पर भी खुलकर बात की।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मीडिया से बातचीत करते हुए उमा भारती ने 75 साल में रिटायरमेंट लेने वाले बयान पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी। जब उनसे संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। हालांकि, उमा भारती ने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र और समय सीमा संस्था, संगठन और उद्योग तय करते हैं। हालांकि, इसके बाद भी कोई भी व्यक्ति समाज में अपना योगदान दे सकता है।
चुनाव लड़ने के लिए हमेशा तैयार
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र को नकारते हुए कहा कि जैसे डॉक्टर, कलाकार और लेखक कभी रिटायर नहीं होते, वैसे ही राजनेता भी जनता की आवश्यकता पर खड़े रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी पार्टी चाहेगी, वह चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उमा भारती ने यह स्पष्ट किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में रहेंगी और बीजेपी के साथ ही रहेंगे।
सक्रिय राजनीति से दूर रहने की बात गलत
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 75 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति से दूर रहने की बात गलत है, क्योंकि उनकी उम्र अभी 75 साल नहीं हुई है। इस बयान के बारे में जो भी बातें हो रही हैं, वह पूरी तरह से गलत और निराधार हैं।
इसके अलावा, उमा भारती ने अपनी जिंदगी के कुछ कठिन दौरों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1990-92 में जब उन पर सरकारों का दबाव था, तब उन्हें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था। साथ ही, 2013 में व्यापमं घोटाले के दौरान भी उनका नाम घसीटा गया था, जिससे वह फिर से मानसिक उत्पीड़न का शिकार हुईं।
शराबबंदी को लेकर कही ये बात
उमा भारती ने यह भी कहा कि वह अब अपने परिवार से पूरी तरह अलग हो चुकी हैं, लेकिन राजनीति में सक्रिय रहेंगी। उन्होंने गंगा, गौमाता और शराबबंदी जैसे मुद्दों पर अपना संघर्ष जारी रखने की बात की। शराबबंदी के मुद्दे पर उमा भारती ने कहा कि यह पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में है, और सरकार जब चाहे इसे लागू कर सकती है। लेकिन, ड्रग्स के खिलाफ एक अभियान चलाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, उमा ने बताया कि केंद्र सरकार गंगा के शुद्धिकरण के लिए काम कर रही है, और मध्य प्रदेश सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। हालांकि, इन दोनों क्षेत्रों में और सुधार की जरूरत है। उमा ने यह भी कहा कि यदि गाय पालन किसानों के जरिए होगा और सरकार उनका सहयोग करेगी, तो गायों की रक्षा की जा सकती है।
अफसरशाही में शुचिता अपनाने पर दिया जोर
उमा भारती ने यह भी कहा कि राजनीति में अब शुचिता आ चुकी है, लेकिन अफसरशाही में अभी भी इसकी कमी है। उन्होंने प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति की तरह शुचिता अपनाने की सलाह दी, ताकि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके।