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MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा हैं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन मूंग की शत-प्रतिशत समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी की मांग की है। उमंग ने कहा कि इस बार 14.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की बुआई हुई है और उत्पादन 21 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है। पिछली बार की तरह इस बार भी सरकार ने खरीदी की पुख्ता तैयारी नहीं की है, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
उमंग ने केंद्र सरकार को समय रहते प्रस्ताव भेजने, प्रति हेक्टेयर 16 क्विंटल की खरीदी सीमा तय करने टोल फ्री नंबर जारी करने की मांग की है। यह मांग किसानों की आय की सुरक्षा और उनके श्रम के उचित मूल्य के लिए अहम मानी जा रही है।
मूंग की खरीदी पर सिंघार ने उठाई आवाज
उमंग सिंघार ने राज्य सरकार से ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने की तत्काल मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखते हुए इस विषय को गंभीरता से उठाया है। उनका कहना है कि हर साल किसानों को मूंग की फसल के उचित दाम नहीं मिलते और सरकार की सुस्त तैयारी से किसान नुकसान झेलते हैं।
रिकॉर्ड उत्पादन की ओर मूंग की फसल
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार प्रदेश में 14.20 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई हुई है, जिससे लगभग 21 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। यह संकेत देता है कि किसान मूंग की खेती को लेकर आशान्वित हैं और मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सरकारी खरीदी नहीं हुई तो यह परिश्रम व्यर्थ हो सकता है।
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समर्थन मूल्य की खरीदी पर क्यों जोर?
सिंघार ने मांग की है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की जाए और इस बार शत-प्रतिशत फसल की खरीद की जाए। पिछली बार सरकार ने आंशिक खरीदी की थी, जिससे कई किसानों को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलवाया जाए।
केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग
सिंघार ने अनुरोध किया कि मूंग की खरीदी के लिए केंद्र सरकार को तुरंत प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि समय पर उपार्जन प्रक्रिया शुरू हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को एक साथ पूरी फसल बेचने की अनुमति मिले और प्रति हेक्टेयर खरीदी की सीमा 16 क्विंटल तय की जाए।
खरीदी केंद्रों की संख्या
सिंघार का कहना है कि मूंग की खरीदी के लिए पर्याप्त संख्या में खरीदी केंद्र खोले जाएं। इसके साथ ही किसानों को पोर्टल पर स्लॉट बुकिंग करने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रणाली को सरल बनाया जाए और एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाए जिससे किसान अपनी समस्याओं की जानकारी आसानी से दे सकें।
किसानों के लिए यह मांग महत्वपूर्ण क्यों ?
किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर फसल बेचना उनकी आर्थिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण पहलू है। यदि खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा हो तो किसानों की आय बढ़ सकती है। उमंग सिंघार की यह पहल न केवल राजनीतिक मांग है, बल्कि यह किसानों के हित में एक आवश्यक कदम के रूप में देखी जा रही है।
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