ग्वालियर गोशाला विवाह: बैलगाड़ी से आई बारात, बजी शहनाइयां

ग्वालियर के लालटीपारा स्थित गोशाला में हुई अनोखी डेस्टिनेशन वेडिंग में बैलगाड़ी से बारात आई। दूल्हा-दुल्हन ने गौमाता के साक्ष्य में वैदिक तरीके से विवाह किया, और सादगी में शादी का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।

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Sandeep Kumar
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ग्वालियर के लालटीपारा स्थित गोशाला में बुधवार को एक अनोखी डेस्टिनेशन वेडिंग हुई, जिसने पारंपरिक शादी के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। छतरपुर की अंजली और ग्वालियर के अंशुमन ने इस शादी को खास बनाने के लिए गोशाला को चुना, जहां उन्होंने सादगी और संस्कृति को महत्व दिया।

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इस विवाह समारोह में, जहां बैलगाड़ी से बारात आई, वहीं घास के सोफे पर मेहमानों का स्वागत किया गया। पूरे प्रांगण की गोबर से लिपाई-पुताई की गई और मंडप को प्राचीन भारतीय संस्कृति के आधार पर सजाया गया। इस शादी में गौमाता भी साक्षी बनीं, और वधू अंजलि ने बताया कि उन्हें गोशाला का वातावरण इतना अच्छा लगा कि उन्होंने इस अनोखे विवाह स्थल को चुना।

गोशाला में हुई अनोखी डेस्टिनेशन वेडिंग 

ग्वालियर की गोशाला में आयोजित इस डेस्टिनेशन वेडिंग ने पारंपरिक शादी के तरीके को नया मोड़ दिया। यहां बैलगाड़ी से बारात आई, और शादी के हर पहलु में संस्कृति और सादगी की छाप थी।

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गौमाता बनी साक्षी, अग्नि के साथ हुआ विवाह 

दूल्हा अंशुमन और दुल्हन अंजलि ने अपनी शादी को गौमाता के साथ संपन्न किया। इस अनोखे आयोजन में अग्नि के साथ गौमाता को साक्षी बनाया गया, जो विवाह को एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करता है।

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वैदिक तरीके से बना स्वादिष्ट भोजन

शादी में शामिल होने वाले मेहमानों के लिए वैदिक तरीके से स्वादिष्ट भोजन तैयार किया गया, जिसमें आलू मटर, मिक्स सब्जी, पुड़ी, मटर पुलाव, और मीठे में गुलाब जामुन जैसे पारंपरिक व्यंजन शामिल थे। इस विवाह का आयोजन शांति, सादगी और भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए किया गया। गोशाला में आयोजित इस शादी ने महंगे होटल्स और विदेशों की शादियों से हटकर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

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FAQ

इस विवाह समारोह में बैलगाड़ी का उपयोग क्यों किया गया?
बैलगाड़ी का उपयोग सादगी और पारंपरिकता को दर्शाने के लिए किया गया, जिससे विवाह समारोह में भारतीय संस्कृति का सम्मान किया जा सके।
क्या इस शादी में कोई विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए गए?
हां, इस शादी में अग्नि को साक्षी बनाया गया, जिसमें गौमाता भी शामिल थीं, जो इस विवाह का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष था।
इस डेस्टिनेशन वेडिंग का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस शादी का मुख्य उद्देश्य सादगी, संस्कृति, और भारतीय परंपराओं को महत्व देना था, जबकि महंगे और औपचारिक स्थलों से दूर रहना था।
इस प्रकार की शादी में भाग लेने की आवश्यकता किस प्रकार की थी?
इस प्रकार की शादी में भाग लेने के लिए मेहमानों को पारंपरिक परिधान पहनने की सलाह दी गई, ताकि वे विषय के अनुसार समारोह में शामिल हो सकें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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