UPSC (CSE)-2025 में  EWS अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

UPSC (CSE)-2025 के लिए EWS अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के तहत EWS उम्मीदवारों को अब 9 अटेम्प्ट मिलेंगे, जिससे उनकी परीक्षा देने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

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Neel Tiwari
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE)-2025 और मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा-2024 से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब EWS उम्मीदवारों को भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 साल की आयु सीमा में छूट मिलेगी और यूपीएससी परीक्षा में 9 अटेम्प्ट का अवसर मिलेगा। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर) के आधार पर यह फैसला दिया, जिससे सरकारी नौकरियों में EWS वर्ग की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने की पैरवी 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2025 को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की। उन्होंने अदालत के समक्ष यह तर्क रखा कि जब अन्य आरक्षित वर्गों (SC/ST/OBC) को अधिक अटेम्प्ट और आयु में छूट दी जाती है, तो फिर EWS वर्ग के अभ्यर्थियों को इस लाभ से वंचित क्यों रखा जाए? सिब्बल ने 10 फरवरी 2025 के आदेश का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि अधिवक्ता धीरज तिवारी द्वारा पहले की गई प्रभावी पैरवी के आधार पर पहले भी इसी तरह का मामला रखा गया था।

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अब ईडब्ल्यूएस को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह मिलेंगे 9 अटेम्प्ट

हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए UPSC को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता सहित सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं, चाहे वे मौजूदा आयु और अटेम्प्ट की शर्तों को पूरा कर रहे हों या नहीं। इसके साथ ही, अब EWS अभ्यर्थियों को यूपीएससी परीक्षा में 9 अटेम्प्ट का लाभ मिलेगा, जो पहले केवल अन्य आरक्षित वर्गों के लिए ही उपलब्ध था।

मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा-2024 को लेकर भी पहले ही हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि EWS अभ्यर्थियों को भी वही अधिकार मिलने चाहिए जो अन्य आरक्षित वर्गों को प्राप्त हैं। इस आदेश के अनुसार, अब EWS अभ्यर्थियों को 5 साल की आयु छूट मिलेगी, जिससे वे 45 वर्ष की उम्र तक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। कोर्ट ने इसे संविधान में निहित समानता के अधिकार का पालन करने वाला फैसला बताया।

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दोनों परीक्षा के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों के हित में आया फैसला

हाईकोर्ट के इन फैसलों के बाद अब हजारों EWS उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा। पहले, उन्हें केवल 6 अटेम्प्ट मिलते थे, लेकिन अब वे यूपीएससी परीक्षा में 9 प्रयास कर सकेंगे। साथ ही, आयु सीमा में छूट के कारण अधिक संख्या में उम्मीदवार अब आवेदन कर पाएंगे। शिक्षक चयन परीक्षा के लिए भी अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष हो जाने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी लाभान्वित होंगे।हालांकि, हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम नियुक्ति आदेश बिना उसकी अनुमति के जारी नहीं किए जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि चयन प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन सरकार को अंतिम नियुक्तियां करने से पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।

ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को मिला बड़ा लाभ

इन फैसलों को सरकारी नौकरियों में समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाला माना जा रहा है। इससे पहले कई भर्ती प्रक्रियाओं में EWS अभ्यर्थियों को आयु सीमा और प्रयासों की संख्या को लेकर सीमित अवसर मिलते थे, जिससे वे प्रतियोगिता में पिछड़ जाते थे। अब इन फैसलों से सरकारी भर्तियों में EWS उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर मिलेगा और भविष्य में अन्य राज्यों की भर्तियों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

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अभ्यर्थियों की नियुक्तियां कोर्ट के फैसले के आधीन

अब यूपीएससी और शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के EWS अभ्यर्थी इस फैसले के आधार पर नए नियमों के तहत आवेदन कर सकेंगे। हालांकि, अंतिम नियुक्तियों के लिए हाईकोर्ट की अनुमति आवश्यक होगी, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अब EWS उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर मिलेंगे। हाईकोर्ट का यह फैसला संविधान में निहित समानता के अधिकार को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे हजारों EWS अभ्यर्थियों के करियर को नई दिशा मिलेगी।

कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं खुला पोर्टल 

कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के बाद भी यूपीएससी के द्वारा पोर्टल को नहीं खोला गया। आपको बता दें कि फॉर्म सबमिट करने की आखिरी दिनांक मंगलवार 18 फरवरी है। जिसके कारण इस मामले में दोबारा आपत्ति दर्ज कराई गई। UPSC की ओर से अधिवक्ता सुयश गुरु ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट का आदेश यूपीएससी को कन्वे कर दिया गया है और पोर्टल की सही स्थिति बताने के लिए उन्हें यूपीएससी से निर्देश लेना है जिसके लिए उन्होंने एक दिन का समय मांगा है। तो अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार 18 फरवरी को होगी और मामले को टॉप ऑफ द लिस्ट रखा गया है।

सेंट्रल में मिला एज रिलैक्सेशन स्टेट में नहीं 

आज भी मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने यह तथ्य रखा की सिलेक्शन लिस्ट में जो 109 विद्यार्थियों को एज रिलैक्सेशन दिया गया है वह केंद्र स्तर पर तो मिला है पर राज्य के स्तर पर ओबीसी ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को एज रिलैक्सेशन नहीं मिला है। तो अब मंगलवार को होने वाली सुनवाई में इस विषय पर भी UPSC अपना जवाब रखेगी।

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