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BHOPAL. संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम् गायन पर विवाद बढ़ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने एक लिस्ट पेश की, जिसमें उन नेताओं के नाम थे जिन्होंने वंदे मातरम् गायन का विरोध किया था।
इस लिस्ट में भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का नाम भी था। वहीं इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जारी की नेताओं की सूची
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को संसद में एक लिस्ट पेश की। इसमें कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के नाम थे जिन्होंने वंदे मातरम् पर आपत्ति जताई थी।
इन नेताओं में कांग्रेस के इमरान मसूद, सिद्धारमैया, नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद, समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क, आरजेडी के सऊद आलम और भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद शामिल थे। इन नेताओं ने अलग-अलग मौकों पर वंदे मातरम् को लेकर आपत्ति उठाई या इसे गाने से मना किया था।
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मैं इसे नहीं गा पाऊंगा - विधायक मसूद
इस लिस्ट में अपना नाम आने के बाद आरिफ मसूद ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने वंदे मातरम् का विरोध नहीं किया। मैंने सिर्फ यह कहा कि मैं इसे नहीं गा पाऊंगा। इसमें गलत क्या है? मसूद ने संसद में हो रही बहस पर चिंता भी जताई।
उन्होंने कहा, किसान को खाद नहीं मिल रही, नौजवान बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, लेकिन संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है। यह सच में चिंता की बात है।
वंदे मातरम् गायन पर विवाद की खबर
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मसूद ने कसा तंज
विधायक मसूद ने कहा कि यह सच में हास्यास्पद है कि ये लोग वंदे मातरम् की बात कर रहे हैं, जबकि ये लोग स्वतंत्रता संग्राम में शामिल ही नहीं थे। इनके हाथ में कभी तिरंगा नहीं था और न ही इन्होंने कभी वंदे मातरम् गाया।
ये लोग ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष नहीं किए। हम लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी, जबकि ये लोग तो अंग्रेजों के अधीन थे और अब माफी मांग रहे हैं। इनका यही इतिहास है, इसलिए इनसे बहस करना बेकार है।
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पढ़ें वन्दे मातरम् की पूरी लिरिक्स
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
कोटि कोटि कण्ठ कल कल निनाद कराले
द्विसप्त कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले
के बोले मा तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥
वंदे मातरम्!
तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारै प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम्॥
वंदे मातरम्!
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम्॥
वंदे मातरम्!
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्॥
वंदे मातरम् से जुड़ी अहम बातें
वंदे मातरम् राष्ट्र गीत को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। यह अधिवेशन कलकत्ता में हुआ था, जहां रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे स्वरबद्ध किया था।
इस गीत ने लोगों को आजादी की लड़ाई के लिए प्रेरित किया था। उस समय वंदे मातरम् अंग्रेजों के खिलाफ विरोध का नारा था। राष्ट्र गीत को 1 मिनट 9 सेकंड में गाया जाता है।
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