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मंडीदीप में पेप्सी और कोका-कोला की पैकेजिंग करने वाली वरुण बेवरेज कंपनी ने अपना प्लांट अचानक बंद कर दिया। कंपनी ने फैक्ट्री के गेट पर ताला लगा दिया। किसी भी कर्मचारी को पहले से जानकारी नहीं दी गई। इससे 76 लोगों की नौकरी चली गई। ये सभी कर्मचारी अब बीते 5 दिनों से फैक्ट्री गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। कंपनी ने मंडीदीप समेत देशभर में अपने 11 प्लांट बंद किए हैं। इन सभी प्लांट के कर्मचारी अब सड़कों पर आ गए हैं।
वरुण बेवरेज कंपनी के कर्मचारी हड़ताल पर गए
वरुण बेवरेज द्वारा फैक्ट्री बंद किए जाने के बाद, कर्मचारी हताश और निराश हैं। उन्हें बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया। कंपनी प्रबंधन की तरफ से ना इस मामले में न कोई वार्निंग नोटिस दिया गया, ना ही कोई मुआवजा। अब सभी कर्मचारी सड़कों पर आ गए हैं। शनिवार 12 जुलाई को भी भारी बारिश के बीच कर्मचारी कंपनी के गेट के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे।
कर्मचारियों ने बताई अपनी मजबूरी
मोहन पाल (52) और मुंशी शुक्ला (56) जैसे वरिष्ठ कर्मचारी, जो कंपनी की स्थापना के समय से काम कर रहे थे, उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। मोहन पाल की दिल की सर्जरी हो चुकी है और उनके ऊपर तीन बच्चों की जिम्मेदारी है। वे कहते हैं,अगर कंपनी ने दोबारा काम पर नहीं लिया, तो परिवार सहित जान दे दूंगा।
नौकरी गई तो टूटी सगाई
एक महिला कर्मचारी वर्षा पाल ने बताया कि वे अपने माता-पिता और छोटे भाइयों के देखभाल करती हैं। उनकी आय से ही घर चलता है। नौकरी जाने के बाद उसकी सगाई भी टूट गई। लड़के वालों को कामकाजी बहू चाहिए थी, लेकिन वर्षा की नौकरी जा चुकी थी।
केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह चौहान से भी चुके शिकायत
कर्मचारियों ने अपनी समस्या लेकर सांसद शिवराज सिंह चौहान और विधायक सुरेंद्र पटवा से भी शिकायत कर चुके। शिवराज सिंह ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया था कि वे कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा था कि जल्द ही कंपनी प्रबंधन से बात कर समाधान निकाला जाएगा।
डिप्टी लेबर कमिश्नर से नहीं मिला कोई समाधान
कर्मचारी सुनील चौकसे ने बताया कि सोमवार को सभी कर्मचारियों ने डिप्टी लेबर कमिश्नर से मिलने का समय लिया है। उन्होंने कहा कि हमें कम वेतन पर भी काम मंजूर है, लेकिन नौकरी चाहिए। अगर कोई हल नहीं निकला तो मंगलवार को सभी श्रमिक जिला कलेक्टर से मिलेंगे।
इस मामले की शिकायत लेबर कमिश्नर रजनी सिंह (IAS) से भी की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस बीच जानकारी ये भी है कि वरुण बेवरेज कंपनी ने देशभर में अपने 11 प्लांट बंद कर दिए हैं, जिससे हजारों कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है।
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क्या करती है वरुण बेवरेज?
पेप्सी, माउंटेन ड्यू, 7-अप, मिरिंडा और स्लाइस जैसे सॉफ्ट ड्रिंक पेप्सीको कंपनी बनाती है। इन सभी ड्रिंक्स को बॉटल में भरकर बाजार तक पहुंचाने का काम वरुण बेवरेजेस करती है। यह कंपनी पेप्सिको के प्रोडक्ट्स की बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का जिम्मा संभालती है। वरुण बेवरेजेस का सालाना कारोबार करीब 16 हजार करोड़ रुपये का है।
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वरुण बेवरेज का मार्केट कैपिटल कितना है?
कुरकुरे और लेज जैसे स्नैक्स की बिक्री और सप्लाई का काम भी यह कंपनी देखती है। इसका मार्केट कैपिटल 1.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
कंपनी का कारोबार भारत समेत कुल 14 देशों में फैला हुआ है। इसके लगभग 38 लाख आउटलेट्स पूरी दुनिया में मौजूद हैं। कंपनी के साथ 13,500 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। इसकी शुरुआत 1950 के दशक में चुन्नीलाल जयपुरिया ने की थी, जिन्होंने पहले कोका कोला के लिए बॉटलिंग का काम शुरू किया था।
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