जबलपुर में नहीं थम रहा विवाद, दो दिन पहले विहिप कार्यकर्ताओं से मारपीट, अब बजरंग दल-बसपा कार्यकर्ता आमने-सामने

जबलपुर में सम्राट अशोक महान धम्म विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में आपत्तिजनक किताबों की बिक्री ने विवाद खड़ा कर दिया था। मंगलवार को इस मामले को लेेकर बजरंग दल और बसपा कार्यकर्ता भिड गए।

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Neel Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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JABALPUR.जबलपुर में विवादित किताबों का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इन किताबों को लेकर आज शहर के घंटाघर क्षेत्र में बसपा और बजरंग दल कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। इस दौरान जमकर लाठी-डंडे चले। पुलिस ने बमुश्किल मामला संभाला। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

इस विवाद की शुरुआत रविवार को सम्राट अशोक धम्म विजय दिवस कार्यक्रम से हुई थी। इस कार्यक्रम के दौरान दो किताबों पर विहिप कार्यकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इस दौरान आयोजकों, किताब विक्रेता और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं में विवाद हुआ था। इस दौरान विहिप कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई थी, जिसकी एफआईआर दर्ज है। पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।

किताब में आपत्तिजनक टिप्पणियां

विवाद का केंद्र बनी दो किताबें चर्चा और विवाद का कारण बन गई। सच्ची रामायण और पोल खोल पुराण नामक किताबें यहां अस्थायी स्टॉल से बेची जा रही थीं। विहिप कार्यकर्ताओं ने इन पुस्तकों को खरीदकर पढ़ा। कार्यकर्ताओं ने किताबों में लिखी सामग्री को लेकर विरोध शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने कहा पुस्तकों में हिंदू देवी-देवताओं बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं।

विहिप हनुमान प्रखंड के सह-संयोजक अनूप पटेल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी पुस्तकें पहले भी शहर में बेची जा चुकी हैं। इस संबंध में पहले भी FIR दर्ज की जा चुकी है, ऐसा उन्होंने बताया। इसके बावजूद स्टॉल लगाकर इन्हें खुलेआम फिर बेचा जा रहा था।

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भीड़ ने विहिप कार्यकर्ताओं को पीटा

आपत्तिजनक सामग्री देखने के बाद विहिप कार्यकर्ताओं ने सवाल पूछे। उन्होंने तुरंत मौके पर मौजूद बुक सेलर प्रदीप कुशवाहा से बात की। आरोप है कि विवाद बढ़ने पर 5-7 लोग वहाँ इकट्ठा हो गए थे। इन लोगों ने विहिप कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद कार्यक्रम स्थल का पूरा माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया था। 

वायरल वीडियो में भीड़ विहिप कार्यकर्ताओं को दौड़ाते और पीटते दिखी। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दोनों पक्षों को अलग करके स्थिति सँभाली। घायल कार्यकर्ताओं को पुलिस ऑटो में बैठाकर भीड़ से बाहर ले गई। फिर भी, भीड़ ने उस ऑटो का भी पीछा किया।

धर्म विरोधी पुस्तकों की बिक्री बिना अनुमति

विहिप के सह-संयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने अनुमति न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि आयोजकों और बुक सेलर के पास कोई इजाजत नहीं थी। इसके बावजूद खुले में ऐसी आपत्तिजनक किताबें बेची जा रही थीं। उनकी सामग्री हिंदू समाज को भड़काने की साजिश लगती है।

ठाकुर ने आरोप लगाया कि शहर में एक 'कथित गैंग' सक्रिय है। यह गैंग अलग-अलग कार्यक्रमों में घुसकर किताबें बांट रहा है। इसका मकसद सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश करना है।

यह लिखा है FIR में

मदनमहल थाने में विहिप संयोजक अनूप पटेल ने FIR दर्ज कराई है। अनूप पटेल को सूचना मिली कि मानस भवन में किताबें बिक रही हैं। वहां "सच्ची रामायण" और "पोल खोल पुराण" जैसी पुस्तकें बेची जा रही थीं। ऑनलाइन पेमेंट की रसीद में बुक सेलर का नाम प्रदीप कुशवाहा दिखा।

किताब में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान पर आपत्तिजनक बातें थीं। विरोध करने पर 5–7 लोग आए और गाली-गलौज करने लगे। फिर उन लोगों ने अनूप पटेल से मारपीट भी शुरू कर दी थी। पुलिस ने BNS की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आयोजकों ने कहा संविधान फाड़ने से शुरू हुआ विवाद

सम्राट अशोक क्रांति सेना के वृंदावन वर्मा ने विवाद पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ युवकों ने संविधान की प्रतियाँ फाड़कर फेंकी थी। इसी घटना से पूरे विवाद की असली शुरुआत हुई, उन्होंने बताया। वर्मा ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं पर भी हमला हुआ। ये कार्यकर्ता बुक सेलर को बचाने के लिए आगे आए थे, ऐसा कहा। यह भी दावा किया गया कि हमलावरों के पास चाकू भी मौजूद था। कार्यकर्ताओं ने चाकू को उनसे छीन लिया था।

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पुलिस कर रही मामले की जांच

सीएसपी रितेश कुमार शिव ने बताया, विवाद के कई वीडियो मिले हैं। विहिप कार्यकर्ताओं की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। यह केस बुक सेलर और अन्य अज्ञात लोगों पर किया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जाँच कर रही है, ऐसा उन्होंने कहा। वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की पहचान जारी है। यह विवाद धार्मिक भावनाओं की आंच और माहौल से जुड़ा है। पुलिस आगे क्या कार्रवाई करेगी, इस पर शहर की नजरें टिकी हैं।

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