विद्या भारती का छह दिवसीय अभ्यास वर्ग: मिलेगा भारतीय संस्कृति और शिक्षा नीति पर प्रशिक्षण

विद्या भारती ने भोपाल में छह दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन किया, जिसमें देशभर के 700 पूर्णकालिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा, शिक्षा नीति और आधुनिक शिक्षा के समावेश पर चर्चा की जाएगी।

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Sanjay Sharma
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Photograph: (the sootr)

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भोपाल. भारतीय ज्ञान परम्परा का संवाहक विद्या भारती शिक्षा संस्थान भोपाल में छह दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन कर रहा है। केरवा बांध के नजदीक शारदा विहार परिसर स्थित आवासीय विद्यालय में 3 से 8 मार्च तक चलने वाले अभ्यास वर्ग में देशभर के 700 पूर्णकालिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारतीय ज्ञान परम्परा, संस्कृति और संस्कारों से संबंधित प्रशिक्षण एवं प्रबोधन कार्यक्रम रखे गए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहनराव भागवत 4 मार्च को अभ्यास वर्ग का शुभारंभ करेंगे। जबकि 8 मार्च को समापन के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विद्या भारती के वरिष्ठ मार्गदर्शक सुरेश सोनी मौजूद रहेंगे। विद्या भारतीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दू.सी. रामकृष्ण राव ने रविवार को पत्रकार वार्ता के माध्यम से अभ्यास वर्ग की रूपरेखा के बारे में बताया। 

ये होंगे अभ्यास वर्ग के प्रमुख आकर्षण :

  • सरसंघचालक डॉ.मोहनराव भागवत का उद्बोधन
  • विद्याभारती का राष्ट्रीय योगदान
  • सैनिक स्कूल एवं विज्ञान केंद्र
  • कोविड-19 सेवा कार्यों का प्रेरणादायी विवरण
  • रानी दुर्गावती की  वीरगाथा
  • माता अहिल्याबाई होल्कर का लोकसेवा में योगदान
  • मप्र की पावन धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर

शिक्षा के प्रसार के साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वाह 

राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व निर्वाह कर रहे रामकृष्ण राव ने बताया संस्थान देश के 684 जिलों में 12सौ से ज्यादा औपचारिक विद्यालय संचालित कर रहा है। वहीं सामाजिक दायित्व निर्वहन के लिए 9400 से ज्यादा अनौपचारिक शिक्षा केंद्र भी चला रहा है। जिनमें 36 लाख विद्यार्थी विद्या अध्ययन कर रहे हैं। संस्कारित और भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित शिक्षा के प्रचार_प्रसार के लिए विद्या भारती देश में 60 कॉलेज और एक विश्वविद्यालय के अलावा तकनीकी शिक्षा देने आईटीआई, कृषि विज्ञान केंद्र, सैनिक स्कूलों के साथ ही कौशल विकास केंद्र भी चला रहा है। 

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देश के हर कोने तक फैला रहा शिक्षा का प्रकाश 

राव ने बताया आरएसएस प्रमुख सरसंघचालक डॉ.मोहनराव भागवत 4 मार्च को अभ्यास वर्ग का शुभारंभ करेंगे। उनके प्रबोधन के माध्यम से कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। 5 मार्च को शाम सवा 7 बजे पंच परिवर्तन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जबकि 6 मार्च को ग्राम दर्शन योजना के जरिए कार्यकर्ताओं को उन 40 गांवों का भ्रमण कराया जाएगा जहां शारदा विहार आवासीय विद्यालय द्वारा संस्कार केंद्र चलाए जा रहे हैं। विद्याभारती संस्थान देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, भूटान के सीमावर्ती इलाकों के साथ ही तटीय और जम्मू कश्मीर और लेह की दुर्गम घाटियों में भी विद्यालय संचालित कर रहा है। 

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भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 

दू.सी.रामकृष्ण राव के अनुसार विद्या भारती हमेशा शिक्षा प्रणाली को भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित बनाने की पक्षधर रही है। विद्या भारती ने देश की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव में अहम भूमिका निभाई है। इसका परिणाम है कि अब देश की शिक्षा व्यवस्था में भारतीय ज्ञान परम्परा की झलक नजर आने लगी है। इसे ही व्यापक और बेहतर बनाने के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि शिक्षा गुणवत्तापूर्ण और तकनीकीपरक हो। इसमें भारतीय संस्कृति, संस्कार और ज्ञान परम्परा के साथ ही आधुनिक शिक्षा, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का समायोजन हो।

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बदलाव के सारथी बन रहे विद्या भारती के पूर्व छात्र 

अभ्यास वर्ग की जानकारी दे रहे राव ने कहा विद्या भारती के प्रयासों में पूर्व छात्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। संस्थान छात्रों से अपेक्षा करता है कि वे अच्छे नागरिक बनें, वे अपने  व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक दायित्व निभाएं। वे जिस जगह रहतें हैं, जिस जगह काम करते हैं वहां समाज और देश के लिए भी जो अच्छा कर सकते हैं करें। पूर्व छात्रों के योगदान पर चर्चा करते हुए राव ने बताया कि राष्ट्रीय चंद्रयान मिशन की 9 सदस्यीय टीम में 6 सदस्य विद्या भारती के पूर्व छात्र हैं। दुनिया भर में संस्थान के पूर्व छात्र अहम स्थानों पर हैं। राज्य की प्रशासनिक सेवा में 1400, न्यायिक सेवा में 800 पूर्व छात्र हैं। 

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देशभर के विषय विशेषज्ञ करेंगे मार्गदर्शन 

विद्याभारती के राष्ट्रीय महामंत्री अवनीश भटनागर, डॉ.रामकुमार भावसार और आशीष जोशी ने बताया पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने वाले केंद्रीय अधिकारी, सीबीएसई, एनसीईआरटी, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, भारतीय ज्ञान परम्परा संस्थान के अधिकारी मौजूद रहेंगे। इनमें संघ से सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्णगोपाल, विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दू.सी. रामकृष्ण राव, अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविंदचंद्र महंत, सह संगठन मंत्री यतीन्द्र शर्मा, श्रीराम आरावकर, प्रादेशिक संगठन मंत्री निखिलेश महेश्वरी, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता, प्रादेशिक सचिव शिरोमणि दुबे कार्यकर्ताओं को अलग-अलग सत्रों में संबोधित करेंगे।

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