/sootr/media/media_files/2025/03/08/7sQ44pIkvCiAo0TjQhYz.jpg)
8 मार्च 2025 को विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता वर्ग का भव्य समापन हुआ। यह आयोजन मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित सरस्वती शिशु मंदिर, शारदा विहार में संपन्न हुआ, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने भी भाग लिया और कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया।
राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ समापन
इस कार्यकर्ता वर्ग का समापन राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ हुआ। कार्यकर्ताओं ने शिक्षा, समाज और राष्ट्रहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। इस कार्यक्रम ने उन्हें नए दृष्टिकोण, प्रभावी रणनीतियां और समर्पण भाव से कार्य करने की प्रेरणा दी। अंत में, विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने आभार व्यक्त किया और सभी उपस्थित लोगों ने वंदे मातरम् का सामूहिक गान किया।
सीएम मोहन यादव ने की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने भोपाल नगर में दो प्रमुख द्वारों के निर्माण की घोषणा की। एक राजा भोज के नाम पर और दूसरा राजा विक्रमादित्य के नाम पर। यह कदम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
मुख्यमंत्री का संबोधन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान राम और लक्ष्मण के महर्षि विश्वामित्र पर विश्वास का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि महर्षि ने असुरों के संहार के लिए सेना की बजाय राम के गुरुकुल में प्राप्त शिक्षा और संस्कारों पर भरोसा जताया था। मुख्यमंत्री ने विद्या भारती के गुरुकुलों और सरस्वती शिशु मंदिरों की भूमिका को सराहा, जहां से शिक्षा प्राप्त छात्र विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं।
ये खबर भी पढ़िए...MP में डी-मार्ट की तरह खुलेंगे ट्राइबल मार्ट, मंत्री विजय शाह ने की बड़ी घोषणा
तकनीकी युग में कार्यकर्ताओं की भूमिका
मुख्य वक्ता सुरेश सोनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती भूमिका और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे तकनीक का उपयोग तो करें, लेकिन इसे अपनी बुद्धिमत्ता का प्रतिस्थापन न बनने दें। सोनी ने यह भी कहा कि तकनीक हमें जोड़ सकती है, लेकिन यह मानवीय संबंधों को स्थापित नहीं कर सकती। डिजिटल युग की बढ़ती प्रवृत्तियां और उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर उन्होंने गहराई से चिंतन किया।
ये खबर भी पढ़िए...सीहोर के नट-बोल्ट कारखाने में लगी भीषण आग, कई किमी दूर से दिखीं लपटें