12 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली के लाल किले में सम्राट विक्रमादित्य की महाकाव्य गाथा का महानाट्य का मंचन हुआ। कार्यक्रम में 250 कलाकारों ने विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य के जीवन संघर्ष को जीवंत रूप से पेश किया। यह कार्यक्रम लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित किया गया, जहां सैकड़ों दर्शक इस ऐतिहासिक मंचन का हिस्सा बने। दर्शकों का कहना था कि उन्होंने इस तरह का ऐतिहासिक मंचन पहले कभी नहीं देखा।
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कार्यक्रम की शुरुआत
सम्राट विक्रमादित्य की जीवन गाथा के इस आयोजन का उद्घाटन उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रगान और दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
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क्या बोले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्राट विक्रमादित्य के शासन की महानता को रेखांकित करते हुए कहा, "सम्राट विक्रमादित्य का शासन 2000 साल पुराना है। उनका शासन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके समय में भारत की संस्कृति और संप्रभुता की रक्षा की गई थी, और यही कारण है कि आज भी हमारी सनातन संस्कृति जीवित है।"
उन्होंने यह भी कहा, "विक्रमादित्य के शासन का उदाहरण भगवान राम के रामराज्य से मिलता है, जहां न्याय और समृद्धि का संचार हुआ। सम्राट विक्रमादित्य ने न केवल विक्रम संवत की शुरुआत की, बल्कि उनके शासन के माध्यम से उन्होंने देश को सुशासन प्रदान किया और समूची मानवता को गौरवान्वित किया।"
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उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का भाषण
कार्यक्रम में उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सम्राट विक्रमादित्य के शासन को न्याय का प्रतीक बताते हुए कहा, "आज हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, और इस विकास की दिशा में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। सम्राट विक्रमादित्य की तरह, आज का भारत भी न्याय, संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक बन रहा है।"
उन्होंने कहा, "हमारा जुड़ाव सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी होना चाहिए, क्योंकि भारत की सांस्कृतिक विरासत 5000 साल पुरानी है। यह आयोजन एक नए आयाम को दर्शाता है, जो भारत के गौरवपूर्ण इतिहास से जुड़ा हुआ है।"
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लौट रहा है विक्रमादित्य का युग
उप-राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि "भारत का विकास जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक हो रहा है। सम्राट विक्रमादित्य का युग वापस लौट रहा है, और यह भारत की सशक्त स्थिति का प्रतीक है।" उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना की और उन्हें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
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