राज्यसभा के सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने नीट घोटाले में सीधे-सीधे सरकार की मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। विवेक तन्खा ने कहा कि जिस तरह व्यापमं घोटाले में कोई सबूत नहीं मिले थे उसी तरह नीट घोटाले में भी सबूत नहीं मिलेंगे क्योंकि यदि मिलीभगत होती है तो सबूत नहीं मिलते और मिलीभगत ना हो तो पूरे सबूत मिलते हैं।
सवालों से डर कर जल्दी भंग किया विधानसभा सत्र
विवेक तन्खा ने कहा कि चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों जगह सदनों की यही स्थिति है कि जब सरकार से सवाल किए जाते हैं और वह आशाएं हो जाती है तो सदन भंग कर दिए जाते हैं यही कारण था कि 15 से 16 दिन चलने वाले विधानसभा सत्र को सिर्फ 5 दिनों में भंग कर दिया गया। इस सरकार के शासनकाल में व्यापमं के बाद नर्सिंग घोटाला, पटवारी घोटाला और नीट जैसे घोटाले सामने आए हैं। लेकिन इस पर सदन भंग करके यदि सरकार जनता को जवाब नहीं देगी तो आने वाले समय में जनता सरकार को जवाब देगी।
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अमरवाड़ा उपचुनाव में अच्छी है कांग्रेस की स्थिति
अमरवाड़ा में हो रहे उपचुनावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार कांग्रेस के प्रत्याशी धीरन शाह मंदिर के महंत के बेटे हैं और इलाके में उनकी छवि भी अच्छी है इसलिए कांग्रेस की जीत यहां से सुनिश्चित है। हालांकि यह सीट मोहन सरकार के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय है क्योंकि फिर उनकी 29 की 29 सीटें जीतने की प्रतिष्ठा दाव पर लग जाएगी।
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इन्वेस्टर कॉन्क्लेव से 1 रुपए इन्वेस्टमेंट भी नहीं आया
मोहन सरकार के जबलपुर में होने वाले पहले इन्वेस्टर कॉनक्लेव पर विवेक तन्खा ने कहा कि इसके पहले भी लगातार इंदौर जैसे शहरों में कॉन्क्लेव होते रहे हैं जबलपुर में भी इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जा चुका है पर आज तक एक पैसे का इन्वेस्टमेंट भी बाहर से नहीं आया है कोई विदेशी कंपनी इन कॉन्क्लेव के बाद इन्वेस्ट नहीं करती। कोई फैक्ट्री शहरों में नहीं शुरू हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जबलपुर में माइneelनिंग से लेकर प्रोसेसिंग यूनिट तक भी सभी इनके (भाजपा) लोगों के नाम पर या उनके नुमाइंदों के नाम पर चल रही हैं। इस तरह की कॉन्क्लेव खुली सोच और नई सोच के साथ होने चाहिए पर यदि पार्टी लेवल पर यह कॉन्क्लेव हो रहा है तो यह भी विफल ही साबित होगा।
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