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ग्वालियर में व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले व्हिसल ब्लोअर और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। झांसी रोड पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने सुरक्षा में तैनात एसएएफ (SAF) गार्ड्स के साथ गाली-गलौज और जलाने की धमकी दी है। वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब आशीष चतुर्वेदी पर गार्डों के साथ अभद्रता करने के आरोप लगे हों, लेकिन इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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सुरक्षा गार्ड्स ने लगाए उत्पीड़न के आरोप
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी पर सुरक्षा गार्ड्स ने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। 10 वर्षों में उनके सुरक्षा गार्ड्स को कई बार बदला गया, लेकिन शिकायतों का सिलसिला जारी है। गार्ड्स का कहना है कि उन्हें ड्यूटी के दौरान अपमानित और प्रताड़ित किया जाता है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, आशीष के व्यवहार के कारण सुरक्षा गार्ड्स ने 22 बार अलग-अलग शिकायतें कीं। इनमें गाली-गलौज, धमकी और अभद्रता जैसे आरोप शामिल हैं। सुरक्षा गार्ड्स की शिकायतों और परिस्थितियों की समीक्षा के बाद मामले की जांच की जा रही है। इधर सुरक्षाकर्मियों द्वारी 2022 में की गई गंभीर शिकायत के मामले में यह FIR दर्ज की गई है। इस मामले में सोशल मीडिया पर वायरल 2.12 मिनट के ऑडियो में आशीष चतुर्वेदी कथित रूप से सुरक्षा कर्मियों को वर्दी उतरवाने और बर्खास्त कराने की धमकी दे रहे हैं। यह ऑडियो 29 अक्टूबर 2022 का है। एसएएफ के आरक्षक रामू सिंह, योगेंद्र सिंह, एएसआई सर्वेश शर्मा के साथ मिलकर झांसी रोड थाने में शिकायत कराई। उन्होंने बताया कि घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की थी।
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639 सुरक्षाकर्मी बदले गए
व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर और आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा को लेकर विवाद जारी है। पिछले 10 वर्षों में उनकी सुरक्षा के लिए 639 सुरक्षाकर्मियों को बदलना पड़ा है। 21 सुरक्षाकर्मियों ने उन पर दुर्व्यवहार और अपमानजनक व्यवहार के आरोप लगाए हैं। बुधवार रात आशीष के लापता होने की शिकायत उनके पिता ने दर्ज कराई, लेकिन गुरुवार को वह घर लौट आए। पूर्व में भी सुरक्षाकर्मियों ने उनके व्यवहार को लेकर शिकायतें की थीं। प्रशासन अब इन आरोपों की जांच कर रहा है।
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दुर्व्यवहार के संगीन आरोप
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में तैनात जवानों ने 14 साल में सैकड़ों बार बदलाव की शिकायतें की हैं। 22 शिकायतों में तंग करने, धमकाने, गाली-गलौज और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं। जवानों ने आरोप लगाया कि आशीष गार्ड्स को वर्दी उतरवाने और कुत्ता न देखने जैसे अपमानजनक आदेश देते हैं। इस बारे में उनका वायरल ऑडियो भी यही साबित करता है।
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पहला मामला: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ऑडियो
29 अक्टूबर 2022 का एक 2.12 मिनट का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें आशीष कथित रूप से सुरक्षा कर्मियों को वर्दी उतरवाने और बर्खास्त कराने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले में एसएएफ के आरक्षक रामू सिंह, योगेंद्र सिंह और एएसआई सर्वेश शर्मा ने झांसी रोड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
दूसरा मामला: बोरिंग कर्मचारी से मारपीट का आरोप
नाका चंद्रवदनी पर सरकारी बोरिंग की मरम्मत कर रहे कर्मचारियों ने भी आशीष पर मारपीट और गाली-गलौज का आरोप लगाया था। पटेल नगर निवासी फूल सिंह ने पुलिस को बताया कि आशीष ने चप्पल से मारने की कोशिश की। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है।
हर साल एक करोड़ का खर्चा
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा पर हर साल सरकार 1 करोड़ रुपए खर्च करती है। आशीष को 5 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें 3 पुलिसकर्मी और 2 एसएएफ जवान शामिल हैं। इस सुरक्षा के बावजूद, उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहे हैं। न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट किया था कि मुफ्त में सुरक्षा प्रदान करने का आदेश नहीं है। आशीष की सुरक्षा की जरूरत और खर्च को लेकर प्रशासन पर दबाव बना हुआ है। एक आरक्षक की सुरक्षा का शुल्क प्रति माह 90,000 रुपए आता है।
खर्चा कैसा- कैसा…
2019 में आशीष के सुरक्षा गार्ड्स के रहने के लिए सरकारी प्लॉट आवंटित किया गया था, लेकिन उचित व्यवस्था न होने के कारण विवाद हो गया था। गार्ड्स ने रहने और खाने की असुविधा की शिकायत की है। इसके अलावा आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में पुलिस ने 2014 से उन्हें 2 बाइक और हर महीने 60 लीटर मुफ्त पेट्रोल मुहैया कराया है। यह सुविधा सुरक्षा गार्ड्स के आवागमन में सुविधा देने के लिए शुरू की गई थी। आशीष की सुरक्षा पर हर महीने करीब 10 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं, और पिछले 10 सालों में 623 सुरक्षाकर्मी बदले जा चुके हैं। 22 सुरक्षाकर्मियों ने उनके खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायतें की हैं। वायरल ऑडियो में गाली-गलौज के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
किसके दबाव में चार गुना हुई सुरक्षा
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी को सुरक्षा नियमों के अनुसार केवल 2 सुरक्षाकर्मियों की पात्रता थी, लेकिन पुलिस की विशेष अनुमति से उन्हें 4 गुना सुरक्षा दी गई। यह सुरक्षा 2016 से दी जा रही है और अब तक इस पर 2.88 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा की समीक्षा करते हुए नियमों की अनदेखी और अधिक खर्च पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह अतिरिक्त सुरक्षा मानदंडों के विपरीत है। सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम करने और नियमों के अनुसार सुरक्षा देने का प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही अब सिर्फ एक गार्ड की सशुल्क सुरक्षा ही मुहैया कराई जाएगी। बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर किसके दबाव में चार गुना सुरक्षा मुहैया कराई गई।
आरोपों पर आशीष की प्रतिक्रिया
एफआईआर दर्ज होने के बाद आशीष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" (Ex) पर मुख्यमंत्री और प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एफआईआर में घटना का समय और दिनांक गलत है। उन्होंने दावा किया कि यह मामला उनकी सुरक्षा से नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों और ई-एफआईआर पर कार्रवाई न होने से जुड़ा है।
क्या कह रही है पुलिस
इधर ग्वालियर के एसएसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि आशीष के खिलाफ दर्ज एफआईआर पूर्व में की गई जांच और तथ्यात्मक सबूतों पर आधारित है। उनका दावा है कि आशीष के आरोप झूठे हैं।
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