सांसद विवेक तन्खा ने क्यों कहा, मैं ऐसे प्रजातंत्र में रहने तैयार नहीं

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो को जनता तक पहुंचाने के लिए भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। इस दौरान कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कुछ ऐसा कह दिया कि सब एक-दूसरे की ओर देखने लगे।

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Rahul Garhwal
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Why did MP Vivek Tankha say I am not ready to live in such a democracy
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Statement of MP Vivek Tankha

संजय शर्मा, BHOPAL. मतदाताओं तक मेनिफेस्टो यानी न्याय पत्र को पहुंचाने बुधवार को PCC ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। इसमें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी शामिल थे। न्याय पत्र में किए गए वादों को जब कांग्रेस लीडर मीडिया के सामने रख रहे थे। इसी दौरान राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने जो कहा उससे सब एक-दूसरे की ओर देखने लगे। 

तन्खा ने ऐसा क्या कहा ?

सांसद विवेक तन्खा संवैधानिक न्याय को लेकर बोल रहे थे। उन्होंने देश की संवैधानिक संस्थाओं की हालत बयान करते हुए व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। तन्खा ने कहा मैं व्यवस्था का पीड़ित हूं। आज देश का संसद लगभग नहीं ही चलता है और जब चलता भी है तो जिस तरह के कानून बनते हैं वे प्रजातांत्रिक नहीं होते। छोटी-छोटी बात पर सांसदों को निलंबित कर दिया जाता है। पार्लियामेंट वन साइडेड चलता रहता है। इसे मैं प्रजातांत्रिक नहीं मानता और मैं ऐसे प्रजातंत्र में रहने तैयार नहीं हूं। अगर हमें प्रजातंत्र को बदलना है तो प्रणाली और सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा मैंने इस बात को पत्र के माध्यम से देश के उप-राष्ट्रपति को भी पहुंचाया है। 

'विपक्ष बोल ही नहीं सकता'

अपना दुख व्यक्त करते हुए तन्खा ने कहा कि सदन में ऐसी व्यवस्था बना दी गई है कि विपक्ष बोल ही नहीं सकता। विपक्ष को जगह ही नहीं है और जब विरोध करने सांसद वेल में जाते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। इसे इथिक्स से बाहर और कोड ऑफ कंडक्ट बताया जाता है। राज्यसभा सांसद ने कहा इंग्लैंड में सदन 100 दिन चलता है, हमारे यहां कितने दिन चलता है ? UK में तो सप्ताह में एक दिन विपक्ष का होता है। उस दिन विपक्ष अपना एजेंडा रख सकता है। यहां विपक्ष को एजेंडा रखने का मौका ही नहीं मिलता। कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र में इसको भी शामिल किया है। सरकार बनने पर ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिससे कम से कम 100 दिन पार्लियामेंट चलेगा। हफ्ते में एक दिन विपक्ष को अपना एजेंडा रखने की स्वतंत्रता होगी।  

तन्खा ने देश की न्याय व्यवस्था पर चिंता जताई

सांसद विवेक तन्खा ने देश की न्याय व्यवस्था पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश में 3 करोड़ केस पेंडिग हैं, किसे न्याय मिल पाता होगा ? क्या गरीबों को न्याय मिलता होगा ? देश की न्याय व्यवस्था में मॉर्डनाइजेशन नहीं है। जजों की कमी है। समस्या है कि ये बीजेपी की प्रायोरिटी है या नहीं। वे तो इसमें खुश है की न्यायपालिका काम न करे। वे इसमें खुश हैं कि लोगों को बेल न मिले। देश का लॉ मिनिस्टर पार्लियामेंट या कहीं कहते हैं, हमें दुःख है की सुप्रीम कोर्ट में बेल लेने के केस आने लगे हैं।

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विवेक तन्खा का तंज

विवेक तन्खा ने तंज कसते हुए कहा कि अरे जब लोगों को बेल नहीं मिलेगी तो कहां जाएंगे। आखिर सांसद संजय सिंह को भी तो सुप्रीम कोर्ट से ही बेल मिली है। न्याय पत्र पर बोलते हुए तन्खा ने कहा सरकार बनी तो कांग्रेस एक शक्तिशाली न्यायपालिका बनाएगी और निष्पक्ष जजों की नियुक्ति करेगी। अभी तो निष्पक्ष जज का नाम भेज दो तो उसे रोक लिया जाता है। जब तक न्याय पालिका का मॉर्डनाइजेशन नहीं करेंगे तो कैसे न्याय दे पाएंगे। इसमें AI एप्लीकेशन भी लाना होगा।

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