RTO के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर नौकरी छोड़ने के बाद भी लोकायुक्त ने क्यों किया केस, जानें

सौरभ शर्मा अनुकंपा नियुक्त में यहां नौकरी में आया और जून 2023 में वीआरएस ले लिया। दिसंबर 2024 में जब उसके यहां लोकायुक्त, भोपाल का छापा हुआ तो वह लोकसेवक नहीं था।

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Sanjay Gupta
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आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा अपनी अकूत कमाई के चलते मप्र में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस सौरभ को छोटी मछली बताते हुए इसे मगरमच्छों को बचाने की कोशिश कह रही है। वहीं वह लगातार जमानत की कोशिश में लगा हुआ है। सौरभ शर्मा जून 2023 में ही नौकरी से वीआरएस ले चुका था। लोकायुक्त सरकारी नौकरों पर कार्रवाई करती है। इसी मामले को उसने भी कोर्ट में चैलेंज किया था कि यह कार्रवाई गलत है। वह अब लोकसेवक नहीं है। लेकिन लोकायुक्त ने आखिरकार बताया कि यह कार्रवाई क्यों की गई।

 लोकायुक्त ने इस नियम के तहत कर दी कार्रवाई

सौरभ शर्मा अनुकंपा नियुक्त में यहां नौकरी में आया और जून 2023 में वीआरएस ले लिया। दिसंबर 2024 में जब उसके यहां लोकायुक्त, भोपाल का छापा हुआ तो वह लोकसेवक नहीं था। इसी बात को सौरभ शर्मा ने जिला कोर्ट में चैलेंज भी किया। इस पर लोकायुक्त ने कोर्ट को बताया कि लोकायुक्त एक्ट 1981 की धारा 8 की उपधारा ग के तहत उसे अधिकार है कि वह अपराध होने के पांच साल की अवधि तक जांच कर सकते हैं। इसी धारा के तहत यह कार्रवाई की है, क्योंकि उसने अभी वीआरएस जून 2023 में ही लिया है और इससे पहले नौकरी में रहते हुए भ्रष्टाचार से काली कमाई की है। जो पांच साल की अवधि के दायरे में आती है।

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शर्मा ने यह सब बताए थे जमानत लेने के आधार, जो हुए खारिज

जमानत के लिए सौरभ शर्मा ने इसके साथ ही अन्य कई आधार कोर्ट में रखे थे।

  • मैंने खुद 27 जनवरी को समर्पण किया, मैं कहीं भागूंगा नहीं
  • मैं संभ्रांत परिवार से हूं, भोपाल ही रहता हूं
  • यह केस झूठा है, मेरा इन संपत्तियों से कोई लेना-देना नहीं है
  • मुझे ईडी और इनकम टैक्स ने भी नोटिस दिए हैं। इसके जवाब के लिए मुझे सीए और वकील से मिलना होगा। इसलिए जमानत जरूरी है
  • अवैध संपत्ति मेरे पास से जब्त नहीं हुई है
  • मेरे मित्रों के साथ मैं प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता हूं। इससे आय बढ़ती है
  • मेरी पत्नी, बच्चों, वृद्ध मां की जिम्मेदारी मेरी है

इनकम टैक्स ने भी ली जमानत पर आपत्ति

जमानत पर सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने भी जमानत का विरोध किया था और कहा था कि उन्होंने भी धारा 161 आईटी एक्ट में नोटिस दिया हुआ है। वह सहयोग नहीं कर रहा है और कभी विभाग के सामने नहीं आया। इसलिए जमानत नहीं दी जाए। इन सभी तर्को के बाद उसकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी। 

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लोकायुक्त ने बताया था सर्च में यह मिला

लोकायुक्त भोपाल ने कोर्ट में बताया कि सौरभ शर्मा के घर से 2.85 करोड़ की नकदी, 50 लाख से अधिक कीमत की ज्वेलरी, 2.10 करोड़ से अधिक मूल्य की चांदी के साथ ही करोड़ों मूल्य के वाहन और घरेलू उपयोग के लग्जरी आइटम पाए गए हैं।

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