महिलाओं का काम सिर्फ खाना बनाना नहीं, बदलनी होगी सोच- क्रांति गौड़

जबलपुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह हुआ। इस दौरान महिला वर्ल्ड कप विजेता क्रांति गौड़ ने अनुभव साझा किए। उन्होंने महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता पर बात की। समाज की सोच और महिला खिलाड़ियों के भविष्य पर भी चर्चा की।

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Neel Tiwari
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Kranti Gaur
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JABALPUR. जबलपुर में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह हुआ। महिला वर्ल्ड कप विजेता क्रांति गौड़ ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता पर अहम बातें कही। मीडिया से बातचीत में उन्होंने परिवार के सहयोग पर जोर दिया। समाज की सोच और महिला खिलाड़ियों के भविष्य पर भी बात की।

पेरेंट्स के सहयोग पर क्रांति का जोर

क्रांति ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सपने पूरे करने के लिए पेरेंट्स का सपोर्ट जरूरी है। उन्होंने कहा कि वह एक सामान्य परिवार से आती हैं। माता-पिता के सहयोग ने ही उन्हें सफलता दिलाई। क्रांति ने कहा, मेरे पैरेंट्स ने मुझे बहुत सहयोग किया।

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महिला वर्ल्ड कप और बढ़ती लोकप्रियता

क्रांति ने महिला क्रिकेट के बदलते स्वरूप पर कहा कि वर्ल्ड कप में दर्शकों का रुझान बढ़ा है। पहले स्टेडियम अक्सर खाली रहते थे, अब स्टेडियम भरे रहते हैं। उन्होंने बताया कि लोग हमारे मैच जीतने के लिए पूजा पाठ भी करते हैं। यह बढ़ते रुझान का प्रमाण है।

4 पॉइंट में समझें क्रांति गौड़ की बातें... 

  1. क्रांति गौड़ ने परिवार के सहयोग की अहमियत बताई: महिला वर्ल्ड कप विजेता क्रांति गौड़ ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सपने पूरे करने के लिए पेरेंट्स का समर्थन जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के सहयोग से ही उन्हें सफलता मिली है।

  2. महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता: क्रांति ने महिला क्रिकेट के बढ़ते दर्शक रुझान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड कप में दर्शकों की संख्या बढ़ी है और स्टेडियम अब भरे रहते हैं, पहले वे खाली रहते थे।

  3. महिला क्रिकेट की बढ़ती भागीदारी: क्रांति ने अपनी क्रिकेट अकादमी का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले अकादमी में 5-6 लड़कियां होती थीं। अब 30 लड़कियां प्रैक्टिस कर रही हैं। यह वर्ल्ड कप जीत के बाद प्रेरणा का परिणाम है।

  4. समाज की सोच पर टिप्पणी: क्रांति ने समाज में लड़कियों के बारे में बनी धारणाओं को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि लड़कियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और अपनी पहचान बना रही हैं।

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क्रिकेट में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

क्रांति ने अपनी क्रिकेट अकादमी का उदाहरण दिया। पहले अकादमी में 5-6 लड़कियां होती थीं। अब 30 लड़कियां प्रैक्टिस कर रही हैं। उनका मानना है कि वर्ल्ड कप जीत के बाद लड़कियों का रुझान बढ़ा है। इस जीत से प्रोत्साहन भी मिला है।

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समाज की सोच पर बड़ी टिप्पणी

समाज में लड़कियों को लेकर बनी धारणाओं पर क्रांति ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि माना जाता है कि लड़कियों का काम सिर्फ खाना बनाना या चौका-बरतन करना है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। संघर्ष करके अपनी पहचान बना रही हैं।

क्रांति ने महिला वर्ल्ड कप की याद साझा करते हुए कहा कि वर्ल्ड कप भारत में आयोजित हुआ था। उन्होंने बताया कि यह जीत सिर्फ उनके लिए नहीं थी। यह जीत पूरे देश के लिए थी।

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