BHOPAL. मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) को देर रात सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। वे 13 फरवरी को भोपाल में हुए रोजगार दो या गिरफ्तार करो आंदोलन के बाद जेल गए थे। वे 13 फरवरी से ही सेंट्रल जेल में बंद थे। रिहाई के बाद उन्होंने कहा कि ये संघर्ष की शुरुआत है।
भर्ती परीक्षाओं में नियुक्तियां शुरू होना संघर्ष की जीत
विक्रांत भूरिया ने कहा कि विभिन्न विभाग और अलग-अलग ग्रुपों की भर्ती परीक्षाओं में नियुक्तियां शुरू करने का सरकारी आदेश संघर्ष की जीत है। हमारे संघर्ष के बाद सरकार झुकी है। हमें युवाओं के दबाव में एक दिन पहले रिहा किया गया है। किसान आंदोलन की तरह पूरे देश और प्रदेश में युवाओं के लिए संघर्ष करते रहेंगे। साथ ही पटवारी भर्ती की CBI जांच की मांग करते हैं।
संघर्ष करने वाले साथियों को बधाई
विक्रांत भूरिया के साथ युवा कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा और पुष्पेंद्र पटेल भी रिहा हुए। विक्रांत भूरिया ने कहा कि हमने बेरोजगारी, परीक्षाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार, रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के विरोध में जंगी आंदोलन किया था। सभी संघर्ष करने वाले साथियों को बधाई और धन्यवाद देता हूं।
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13 फरवरी को हुआ था प्रदर्शन
13 फरवरी को भोपाल में विधानसभा का घेराव करने के लिए युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदेशभर से जुटे थे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इकट्ठे होने के बाद जब वे विधानसभा की ओर बढ़े तो पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। शिवाजी नगर चौराहे पर कार्यकर्ताओं की पुलिस से हल्की झड़प भी हुई। PCC चीफ जीतू पटवारी, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास और यूथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया बैरिकेड पर चढ़ गए। जब वे विधानसभा की ओर जाने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़कर कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। एक गोला युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रशांत पाराशर के मुंह पर लगा। जीतू पटवारी, श्रीनिवास और विक्रांत भूरिया समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।