/sootr/media/post_banners/55b7867c7b3fe7614d535e36bbbbe00e1a7c3f321f5fde99fbe14f390f72d47b.jpg)
BHOPAL. बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक माधव सिंह डाबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वन विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। पार्टी ने सख्त एक्शन लेते हुए बागियों को एक-एक कर हटाना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों बीजेपी संगठन ने 100 ऐसे लोगों की सूची भी जारी की थी जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ गद्दारी की थी।
डाबर की पार्टी से भी हो सकती है छुट्टी
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सख्ती दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक माधव सिंह डाबर को वन विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। ये निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी कार्यशैली का भी प्रमाण दिया है। मोहन यादव के इस सख्ती भरे निर्णय के बाद माना जा रहा है कि अब डाबर की पार्टी से भी छुट्टी हो सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। माना जा रहा है कि पार्टी ऐसे 100 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा सकती है, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी से भितरघात किया था।
बीजेपी की अनुशासन समिति की हुई थी बैठक
गुरुवार को बीजेपी की अनुशासन समिति की बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, अनुशासन समिति के प्रदेश संयोजक वेदप्रकाश शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में 40 जिलों से 100 भीतरघातियों की शिकायतों का परीक्षण किया गया था। इसमें अब संबंधित जिला अध्यक्षों से फिर रिपोर्ट ली जाएगी। साथ ही सभी भीतरघातियों को अपना पक्ष रखने का एक मौका दिया जाएगा। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी नफा नुकसान का आकलन करके आगे बढ़ रही है।
बगावत करने वाले 35 पर कार्रवाई
पार्टी ने ऐसे भितरघातियों की लिस्ट तैयार कर ली है और कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बीजेपी की अनुशासन समिति की बैठक में भितरघातियों को अपना पक्ष रखने अंतिम मौका देने का निर्णय लिया गया है। बीजेपी विधानसभा चुनाव में बगावत करने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए 35 नेताओं को पार्टी छह साल के लिए निष्कासित कर चुकी है। इन नेताओं ने विधानसभा चुनाव में दूसरी पार्टी से या निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसमें कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक शामिल थे।