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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन बुधवार (5 जुलाई) को भी जारी रही। सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले अधिकांश नर्सिंग, पैरामेडिकल, टेक्निशियन से लेकर संविदा और डेली वेज कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब अस्पताल की व्यवस्था पर दिखने लगा है, इसके चलते मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मांगों के साथ हड़ताल पर स्वास्थ्य कर्मचारी
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अपनी 24 सूत्री मांगों के साथ 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है और इसी के साथ प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों के अधिकांश कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। नतीजा, प्रदेश के तमाम छोटे बड़े सरकारी अस्पताल सूने होने हो गए हैं। पहले जहां ओपीडी की भीड़ लगी रहती थी, वहां गिनते के मरीज नजर आते हैं, क्योंकि हड़ताल के बाद नर्स से लेकर ऑपरेशन थियेटर में काम करने वाले हेल्पर, पैथोलॉजी विभाग के टेक्निशियन से लेकर सफाई कर्मचारी तक हड़ताल पर चले गए हैं। कुछ जगहों पर ऑपरेशन थियेटर के स्टरलाइजेशन काम में लगे कर्मचारी तक हड़ताल पर चले गए हैं।
नए मरीज की भर्ती पर अघोषित तौर पर रोक
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों की बात तो दूर, राजधानी रायपुर के डीकेएस अस्पताल से लेकर मेकाहारा और जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक, एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में यही देखने को मिल रहा है। नए मरीज की भर्ती अघोषित तौर पर रोक दी गई है, और जो मरीज पहले से भर्ती हैं, उन्हें किसी तरह संभाला जा रहा है। हालात ये हैं कि अब अस्पताल में किसी की मौत भी हो रही है, तो परिजनों को लग रहा है। हड़ताल की वजह से उनके मरीज को उचित देखभाल नहीं हुई। इलाज के अलावा अन्य दूसरी सुविधाओं को लेकर भी परिजन शिकायत करने लगे हैं।
अस्पतालों के गेट पर लगे असुविधा के लिए माफी के पोस्टर
हालांकि हड़ताल करने वाले कर्मचारी इस स्थिति के लिए सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, अस्पतालों के गेट पर हड़ताल के चलते होने वाली असुविधा के लिए क्षमा मांगता पोस्टर लगा है, लेकिन कर्मचारी नेता कहते हैं कि कई बार के अल्टीमेटम के बावजूद सरकार नहीं जागी, तो उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि आंदोलन से काम प्रभावित हुआ है और वो वैकल्पिक व्यवस्थाओं के जरिए किसी तरह व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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हड़ताल को लेकर हरकत में चिकित्सा शिक्षा विभाग
बहरहाल, हड़ताल के दूसरे दिन चिकित्सा शिक्षा विभाग हरकत में आया है। विभाग के सचिव पी दयानंद ने मंत्रालय में डीएमई, डीन और सुपरिटेंडेंट को बुलाकर बैठक की है और स्थिति से निपटने को तैयार रहने को कहा है। हालांकि अभी तक ये संकेत नहीं मिला है कि विभाग हड़ताली कर्मचारी से बातचीत करेगी या उस पर सख्ती होगी। यह देखने वाली बात होगी।