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BASTAR. बस्तर में 5 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी हैं। चार दिनों से चल रही हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालों के साथ स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो गई है। स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के कारण मरीज परेशान हो रहे है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
वेतन विसंगति समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को पहले स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। ये कर्मचारी वेतन विसंगति समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मांग पूरी होने तक काम पर नहीं लौटने की बात भी कही है। इतनी बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते इलाज के अभाव में मरीज परेशान हो रहे हैं। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में भी OPD में हर रोज मरीजों की लंबी लाइन लग रही है, लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है।
हड़ताल पर 40 डॉक्टर्स और सभी स्वास्थ्य कर्मी
मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन पिछले तीन दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। बस्तर के भी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। स्थिति यह है कि स्वास्थ्य केंद्रों में आया और वार्ड बॉय के भरोसे व्यवस्था चल रही है। जिले के 40 डॉक्टर के साथ लगभग सभी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर बैठ गए हैं। मरीजों ने परेशानी बताते हुए कहा कि गांव के स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर शहर के अस्पतालों में भी इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिस वजह से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की तबीयत बिगड़ते जा रही है।
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वैकल्पिक व्यवस्था करने की की जा रही कोशिश
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने से व्यवस्था कमजोर हुई है, हालांकि इन जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। 40 डॉक्टर के इस हड़ताल में शामिल होने से स्वास्थ्य व्यवस्था जरूर प्रभावित हुई है, लेकिन गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।