नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब पहली से पांचवीं तक डीएलएफ कैंडिडेट पढ़ाई कराएंगे। दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन को लागू किया गया है। नई गाइडलाइन का बीएड के छात्रों ने पुरजोर विरोध किया है। नए नियम के वीरदोह ने बीएड के छात्रों ने कोर्ट ने याचिका दायर की है। तब तक के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग बीएड के छात्रों ने की है।
नई गाइडलाइन लागू
छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के 12 हजार 489 पदों पर सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के अनुसार लागू कर दिया गया है। जिसके अनुसार पहली से पांचवीं कक्षा को पढ़ाने के लिए डीएलएफ होना जरूरी है। बीएड के कैंडिडेट्स को इससे दरकिनार कर दिया गया है। इसका मतलब बीएड के छात्र इसमें हिस्सा ही नहीं ले सके है। बीएड के कैंडिडेट केवल हायर सेकेंडरी कक्षाओं के पढ़ाने के पात्र होंगे। इस आधार पर नई भर्तियों के लिए काउंसिलिंग और दस्तावेजों के वेरिफिकेशन से बीएड के कैंडिडेट्स को दरकिनार कर दिया गया है। 12 हजार 489 पदों में से 5 हजार 772 पदों पर बीएड योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भर्ती की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है है। वहीं सहायक शिक्षक के 6 हजार से ज्यादा पदों पर भी काउंसलिंग शुरू कर दी गई है।
बीएड के छात्र कर रहे विरोध
स्कूल शिक्षा विभाग ने लागू की गई नई गाइडलाइन का विरोध होना शुरू हो गया है। बीएड के छात्र नई गाइडलाइन का पुरजोर विरोध कर रहें हैं। छात्रों के अनुसार जब नौकरी के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। उस समय जो नियम तय किए गए थे। उस आधार पर ही नियुक्ति मिलनी चाहिए। नई गाइडलाइन के विरोध ने बीएड योग्यता वाले छात्र कोर्ट के दरवाजे पहुंच गए है। कोर्ट के आखरी आदेश तक छात्रों ने नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है। इसके लिए छात्रों ने उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को ज्ञापन सौंपा है।