मनीष गोधा, JAIPUR. प्रश्न पत्र लीक मामलों में सरकार की ओर से फ्री हैंड मिलने के बाद राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप अब उन आरोपियों को भी पकड़ रहा है जो लंबे समय से फरार चल रहे थे। इनमें से कुछ तो 2020 की परीक्षाओं के आरोपी भी हैं। पिछले 12 दिन में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में ऐसे 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जांच को लेकर एसआईटी का किया था गठन
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी क्वेश्चन पेपर लीक को ही एक बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में लौटी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले क्वेश्चन पेपर लीक मामलों की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया था। सरकार की मंशा को देखते हुए अब पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप जो पिछले कुछ समय से इस दिशा में कुछ खास करता नजर नहीं आ रहा था, वह भी सक्रिय हो गया है। पिछले दिनों में अलग-अलग पेपर लीक प्रकरणों में सरकारी कर्मचारियों से लेकर निजी स्कूल संचालकों तक की गिरफ्तारी की गई है।
विभिन्न पेपर लीक प्रकरणों में पिछले दिनों हुई कारवाई
- वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2022 में अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी बैठा परीक्षा देने वाले पांच अभ्यर्थियों दुर्गाराम, राजेंद्र, सत्यप्रकाश, गोपाल सिंह और अशोक कुमार की गिरफ्तारी।
- RAS प्री परीक्षा 2013 पेपर लीक प्रकरण में फरार चल रहे दो आरोपी सरकारी इंजीनियर आशुतोष मीना और ज्वेलर बाबूलाल सोनी गिरफ्तार।
- कनिष्ठ अभियंता भर्ती 2020 पेपर लीक प्रकरण में पेपर लीक माफिया के लिए दलाल का काम करने वाले सचिन की गिरफ्तारी।
- वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2022 में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले दलाल रामहंस मीना को गिरफ्तार किया गया।
- कनिष्ठ अभियंता भर्ती 2020 पेपर लीक प्रकरण में एक दलाल यशपाल चौधरी को गिरफ्तार किया गया।
- राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2017 में नकल कराने वाला सरकारी अध्यापक मूलाराम जाट गिरफ्तार।